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वाराणसी से मोदी vs गांधी ? 3 राज्यों में जीत के बाद “अति आत्मविश्वास” में कांग्रेस, पैसे से मिलेंगे वोट ?

अटकलों के बीच कि प्रियंका गांधी वाड्रा को वाराणसी लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि यदि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कहेंगे तो उन्हें चुनाव लड़ने में खुशी होगी.

राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने  सवाददाताओं से कहा, ‘‘आपको पता चल जाएगा. यदि कांग्रेस अध्यक्ष मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे तो मुझे लड़ने में खुशी होगी.’’ प्रियंका गांधी इस सवाल का जवाब दे रही थीं कि क्या वह उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से चुनाव लड़ेंगी जहां से मोदी फिर से चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं.

मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने की इच्छा प्रियंका गाँधी पहले भी कर चुकी है. पिछले महीने कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने जब प्रियंका गांधी से रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए कहा था तो उन्होंने सवाल किया था, ‘‘क्या मुझे वाराणसी से नहीं लड़ना चाहिए?’’

कांग्रेस महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी पिछले दो दिनों से राहुल गांधी के लिए प्रचार करने के लिए केरल में हैं. राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अपनी पारंपरिक अमेठी सीट के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.

छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, और राजस्थान 3 नए राज्यों में कांग्रेस की सरकार आने के बाद कांग्रेस में अति आत्मविश्वास देखा जा सकता है. और यह अति आत्मविश्वास उन राज्यों में है जहाँ उनकी नई सरकार स्थापित हुई है. कर्जमाफी वाले घोषणा पत्र से जीत के बाद कांग्रेस शायद वोटरों की मानसिकता घूसखोरों की तरह समझने लगी है. और इस मानसिकता से उन्हें लगने लगा है वो जीत सकते है.  

कांग्रेस के इस घोषणा पत्र में गरीबों को बतौर आर्थिक मदद पैसे देने के इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पार्टी को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने सवाल किया है कि इस तरह की घोषणा वोटरों को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं रखा गया है? कांग्रेस अपना पक्ष रखने के लिए 2 हफ्तों का समय दिया गया है.

अधिवक्ता मोहित कुमार का कहना है कि इस तरह की घोषणा से रिश्वतखोरी को बढ़ावा मिलता है और यह मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है.







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