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“राशन कार्ड बनवाओ – इज्जत गंवाओ ? : ” रोजगार सहायक ने महिला से कहा - पहले संबंध बनाओ फिर मिलेगा राशन कार्ड

केशकाल। गरीबों के हक का राशन देने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर थी, वो अब मुर्गा और मोहब्बत की डिमांड करने लगे हैं! छत्तीसगढ़ के केशकाल विधानसभा क्षेत्र के ईरागाँव पंचायत से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने पंचायत व्यवस्था की गरिमा को बुरी तरह झकझोर दिया है।


यहाँ पदस्थ रोजगार सहायक पर आरोप है कि उसने एक महिला से राशन कार्ड (Ration Card) बनवाने के एवज में पहले “मुर्गा” और फिर “मौका” मांग लिया। जब महिला ने साफ कहा कि मुर्गा नहीं है, तो साहब का जवाब था - “अब मुर्गा नहीं, तू ही चाहिए एक रात के लिए।”


यह सुनकर पीड़िता सन्न रह गई। ऐसे ‘सरकारी गिद्ध’ देखकर अब जंगल नहीं, पंचायत भी असुरक्षित नजर आने लगी है।


पीड़िता ने पूरे मामले की लिखित शिकायत जनपद पंचायत और एसडीएम कार्यालय में की है, जिसके बाद ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। पंचायत भवन के गलियारों में अब “राशन कार्ड बनवाओ – इज्जत गंवाओ?” जैसे तंज उड़ने लगे हैं।


ये है सवाल –

सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की कीमत क्या अब महिलाओं को अपनी अस्मिता से चुकानी होगी?

और क्या इन जैसे सरकारी जैसे लोग सरकारी कुर्सियों से सीधे जेल की चारपाई तक नहीं पहुंचने चाहिए?



फिलहाल प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई का इंतज़ार हो रहा है — लेकिन गांव में एक बात साफ़ हो चुकी है:

“अब भूख से ज्यादा डर ‘भूखों’ की नीयत से लगने लगा है!”


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