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बसना : दैनिक वेतनभोगी ने चावल के स्टॉक में पानी डालने से किया मना, प्रबंध संचालक से की भ्रष्टाचार की शिकायत, नौकरी से धोना पड़ा हाथ

आज के जमाने में सच पर भ्रष्टाचार भारी है, यदि पेट भरना है तो सच का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का साथ देना पड़ेगा, यदि आप सच के साथ रहेंगे तो दाने-दाने को मोहताज हो जायेंगे, दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हो जायेंगे.

हमारे द्वारा ऊपर लिखी गई बातें लागू होती है बसना में स्थित छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन शाखा में, जहाँ हो रहे लाखों करोड़ो के भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर उसके अगले ही दिन एक दैनिक वेतनभोगी मजदुर की सेवा समाप्त कर दी गई.

वैसे तो छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है, जो वर्त्तमान में कांग्रेस के कार्यकाल में हुए कई तरह के भ्रष्टाचार के जाँच की बात करती है, लेकिन उन भ्रष्टाचारों का क्या जो वर्त्तमान में उनकी सरकार के रहते खुले आम हो रहा है. हालात यह हो गए हैं कि अब सच बोलना भी मुश्किल हो रहा है, चाहे वह भाजपा के नेता रवि भगत हो या कोई आम मजदुर. ऐसे ही सच बोलने की कार्यवाही छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन शाखा बसना में हुई है, जिसे सुनकर ईमानदारी से आपका विश्वास टूट जायेगा.

छिरौद कुमार चौहान छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन शाखा बसना में दैनिक वेतनभोगी मजदुर के रूप में कार्यरत थे, जहाँ कई तरह की अनैतिक गतिविधियों को अंजाम देकर भ्रष्टाचार किया जा रहा था, लेकिन छिरौद कुमार चौहान ने जब इन अनैतिक गतिविधियों को अंजाम देने से मना करते हुए इसे गलत बताया तो वेयरहाउसिंग के मैनेजर ने उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दे दी.

बसना में स्थित छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन, जहाँ चावल का भंडारण किया जाता है और फिर यहाँ से वितरण की सुविधा दी जाती है, लेकिन यहाँ पदस्थ शाखा प्रबंधक महेंद्र कुमार द्वारा गाड़ी लोडिंग के एक से दो दिन पहले चावल ले स्टॉक पर अन्धाधुन रूप से पानी का स्प्रे या छिडकाव कराया जाता है. जिससे चावल की गुणवक्ता नष्ट हो जाती है. हाथ में छूते ही चावल पाउडर हो जाता है. इसके आलावा भी शाखा प्रबंधक पर अन्य कई तरह के आरोप लगाकर उच्च अधिकारीयों को छिरौद कुमार चौहान इमेल के माध्यम से शिकायत की थी, जिसके अगले ही दिन बिना किसी जाँच के एक पत्र जारी कर उनकी सेवा समाप्त कर दिया गया.  

छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन शाखा बसना ने सेवा समाप्ति का पत्र जारी कर बताया कि आपके द्वारा श्रीमान प्रबंध संचालक को फर्जी एवं झूठी शिकायत का पत्र प्रेषित किया गया, जिसके बाद प्रबंध संचालक महोदय से तत्काल कार्य से पृथक करने हेतु निर्देश प्राप्त हुआ, इसलिए आपकी सेवा समाप्त की जाती है.

छिरौद कुमार चौहान को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिल गई, छिरौद कुमार चौहान चाहता तो आराम से उन चावल के स्टॉक पर रोज पानी डालकर, या  अन्य अनैतिक कार्य कर अपना जीवन यापन कर सकता था, लेकिन सरकार के साथ आम जनता को छल करना उसे नाकारा गुजरा, जिसकी शिकायत उसने ऊपर के अधिकारियों से की जिसके बाद उसे अपने इमादारी की सजा मिली.

नीचे हम आपको इस घटना का विडियो भी youtube के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे छिरौद कुमार चौहान के द्वारा भेजा गया है इसमें आप देख पाएंगे कि किस तरह इन मजदूरों से अनैतिक कार्य कराया जा रहा है. 



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