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सरायपाली : पुलिस ने ओडिशा के पशुपालकों को दी झूठे केस में फसानें की धमकी, मांगे 4 लाख रुपये !

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार पर लगाम लगता दिखाई नहीं दे रहा है, खाद और डीएपी में कालाबाजारी की खबरों के बाद अब छत्तीसगढ़ में पुलिस के भ्रष्टाचार का कारनामा अन्य प्रदेशों के सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिसमे छत्तीसगढ़ पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाये गए हैं.

खबर में बताया गया है कि ओडिशा सोनपुर जिले के दो किसानों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने प्रताड़ित किया है, ये दो किसान गाय खरीदने के लिए ओडिशा से छत्तीसगढ़ आये थे, जिनसे गाय ले जाने के लिए पुलिस ने पैसे ले लिये.

किसान परीक्षित ओडिशा में मुख्यमंत्री कामधेनु योजना के तहत पशुपालन करने हेतु अपने योजना के सारे दस्तावेज लेकर छत्तीसगढ़ गए थे. जहाँ से गाय लेकर वापस लौटते समय बलौदा थाना अंतर्गत आने वाले चेकपोस्ट पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया और गाय तस्करी कर रहे हो कहते हुए उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

जहाँ पहुँचने के बाद दोनों किसानो ने अपने कागजात दिखाये, पर पुलिस ने उसे फर्जी बताते हुए 4 लाख रुपये देने को कहा साथ उनके कपडे उतरवाकर उन्हें थाना में बैठा दिया.

पीड़ित किसान ने बताया कि बलौदा पुलिस ने उन्हें बहोत परेशान किया, बुरा व्यवहार किया और छोड़ने के बदले 4 लाख रुपये की मांग की, उन्होंने बताया कि उनपर चोरी के आरोप लगाये गए, मांगने पर पानी तक पीने को नहीं दिया गया. पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने उनसे पास रखे 60 रुपये के साथ जो कुछ अन्य सामान भी थे सारा कुछ लुट कर चुरा लिए. इसके आलावा ड्राइवर से भी 20 हजार रुपये लेकर 3500 रुपये का चालान काट दिया और जेल भेजने की भी धमकी दे दी.

इसके पीड़ित सोनपुर पहुंचकर पुलिस द्वारा की गई लुट की घटना को जब कृषि अधिकारी को बताया तो वह भी चिंतित हो उठे, इसके बाद इस घटना के सम्बन्ध में महासमुंद पुलिस अधीक्षक को इसकी जानकारी दी गई. जिसपर पुलिस अधीक्षक द्वारा कड़ी कार्रवाई किये जाने का आश्वाशन दिया था. बताया जा रहा है शिकायत के बाद कुछ पुलिस कर्मचारियों पर कारवाई किया गया है, हालाकि उनके नाम उजागर नहीं किये गए हैं.

आपको बता दें कि महासमुंद जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में गाय की तस्करी किये जाने का मामला भी लागातार सामने आता है, ऐसी खबर से अब सवाल यह उठता है कि क्या सांठगांठ कर तस्करों को छोड़ दिया जाता है ?


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