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चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, बीएलओ का मानदेय दोगुना, ERO और AERO को भी मिलेगा इतना पैसा

डेस्क। भारत निर्वाचन आयोग ने देश में निर्वाचन प्रक्रिया की रीढ़ माने जाने वाले बूथ लेवल ऑफिसर के वार्षिक मानदेय को दोगुना करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह फैसला बीएलओ के साथ-साथ उनके सुपरवाइजरों के मानदेय में बढ़ोतरी और निर्वाचक निबंधन अधिकारी (ERO) तथा सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारी (AERO) को पहली बार मानदेय देने के रूप में आया है।

आयोग का यह कदम मतदाता सूची को त्रुटिरहित और पारदर्शी बनाने में जमीन पर काम करने वाले अधिकारियों के अथक प्रयासों को प्रोत्साहित करने और उन्हें पर्याप्त रूप से मुआवजा देने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। यह नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू की गई हैं, जिसका सीधा लाभ देश के लाखों चुनाव कर्मचारियों को मिलेगा।

BLO के मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी

बूथ लेवल ऑफिसर मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और सुधार करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आयोग ने 2015 के बाद पहली बार इनके मानदेय में वृद्धि की है। बीएलओ का वार्षिक मानदेय पहले के 6,000 से दोगुना करके 12,000 कर दिया गया है।

मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्य के लिए बीएलओ को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को भी 1,000 से बढ़ाकर 2,000 कर दिया गया है।

कुछ राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के कार्य में लगे बीएलओ को बढ़े हुए वार्षिक मानदेय के अतिरिक्त 6,000 का विशेष प्रोत्साहन भी देने की घोषणा की गई है।

 

सुपरवाइजरों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भी खुशखबरी

बीएलओ के मानदेय में वृद्धि के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण निर्वाचन कर्मियों के मेहनताने को भी बढ़ाया गया है, जो चुनावी मशीनरी को और मजबूत बनाएगा।

बीएलओ सुपरवाइजर, जो क्षेत्र में बीएलओ के कार्यों की निगरानी करते हैं, उनके मानदेय को भी बढ़ाया गया है। उनका वार्षिक मानदेय 12,000 से बढ़ाकर अब 18,000 कर दिया गया है।

ERO और AERO को पहली बार मिलेगा वार्षिक मानदेय

यह फैसला इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि पहली बार निर्वाचक निबंधन अधिकारी (ERO) और सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारी (AERO) को वार्षिक मानदेय देने का निर्णय लिया गया है। ये अधिकारी अब तक किसी भी तरह के भत्ते या मानदेय से वंचित थे। इन्हें अब सालाना 30,000 का वार्षिक मानदेय दिया जाएगा।

AERO को अब सालाना 25,000 का वार्षिक मानदेय दिया जाएगा। चुनाव आयोग का कहना है कि यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के समर्पण और कठिन परिश्रम को मान्यता देता है, जो लोकतंत्र की नींव माने जाने वाली सटीक मतदाता सूचियों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सुधार चुनावी तंत्र को मजबूत करेगा।


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