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सेवा तीर्थ होगा अब नए प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम

नए बनने वाले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर सेवा तीर्थ कर दिया गया है। इस नाम के साथ संदेश भी स्पष्ट है कि सेवा का पवित्र स्थान। वहीं केंद्रीय सचिवालय का नाम कर्तव्य भवन होगा। यह बदलाव सिर्फ़ प्रशासनिक नहीं है। यह सांस्कृतिक और नैतिक भी है।

भारत की सार्वजनिक संस्थाओं में नामों का यह बदलाव उस सोच का प्रतीक है जिसमें शासन को सत्ता नहीं, सेवा माना गया है। जहाँ अधिकार से ज़्यादा कर्तव्य और पद से ज़्यादा जिम्मेदारी की भावना को महत्व दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शासन के स्थान केवल बदल नहीं रहे बल्कि वे पुनर्परिभाषित हो रहे हैं।

हर इमारत, हर नाम, हर प्रतीक अब एक सरल संदेश की ओर इशारा करता है। इससे पहले 2016 में प्रधानमंत्री निवास का नाम लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था। इसी क्रम में देश भर के राजभवनों का नाम भी बदला जा रहा है। राजभवनों को अब लोकभवन का नाम दिया जा रहा है।


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