महासमुंद समेत प्रदेश के कई जिलों में दिखा छत्तीसगढ़ बंद का असर
महासमुंद/बिलासपुर/ राजनांदगांव। कांकेर जिले में कथित धर्मांतरण और हिंसा की घटना के विरोध में सर्व समाज के आह्वान पर आज प्रदेशव्यापी बंद का व्यापक असर प्रदेशभर के कई जिलों में देखने को मिल रहा है। हिंदू समाज, आदिवासी समुदाय और व्यापारियों की एकजुटता से यह बंद ऐतिहासिक बन गया, जहां दुकानें, बाजार, और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। वहीं बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर, बालोद, गरियाबंद, सुरजपुर, कोंडागांव, दुर्ग, जगदलपुर, बस्तर जैसे जिलों में भी बंद का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। बाजार बंद, स्कूल प्रभावित। पूरे प्रदेश में सड़कों पर जोरदार नारे लगाते हुए सर्व समाज के सदस्य नजर आए।
महासमुंद में सुबह से ही हिंदू संगठनों और सर्व समाज के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। नारेबाजी करते हुए उन्होंने घूम-घूमकर दुकानदारों से बंद का पालन करने की अपील की। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है, और बंद शांतिपूर्ण तरीके से सफल होता दिख रहा है।
राजधानी रायपुर में बंद का असर लगभग 100% असर देखने को मिला, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा, “समाज, व्यापारियों और सभी वर्गों से पूरा समर्थन मिल रहा है। हम शांतिपूर्ण तरीके से जागरूकता फैला रहे हैं। यह बंद सिर्फ धर्मांतरण के खिलाफ नहीं, बल्कि कांकेर में हिंदू भाइयों पर हुए अत्याचार के विरोध में है।” सुबह से संगठन के सदस्य दुकानदारों से अपील करते नजर आए, और शहर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। लेकिन रायपुर के तेलीबांधा स्थित मैग्नेटो मॉल में तोड़फोड़ की गई है। आगामी X मस के लिए की गई सजावट को तोड़ दिया गया है।
यह बंद कांकेर के अमाबेड़ा क्षेत्र में हुए शव दफन विवाद और कथित धर्मांतरण के खिलाफ है। सर्व समाज का आरोप है कि आदिवासी समाज की आस्था पर हमला हो रहा है। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित कई संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, और अब तक कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है। बंद का असर शाम तक रहेगा।
कांकेर के आमाबेड़ा की घटना से उपजा आक्रोश यहां सबसे ज्यादा देखने को मिला। यहां दुकानें बंद है, सड़कें सूनी है। अप्रिय घटना ना हो इसलिए भारी पुलिस बल तैनात किये गए है।