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12 करोड़ से निर्माणाधीन सारंगढ़-कोसीर-सिंघनपुर मार्ग बन रहा स्तरहीन...!पहली बरसात में ही उखड़ सकती है सड़क... आरकेटीसी पर प्रशासनिक अधिकारियों की मेहरबानी क्यों..?

कई वर्षो बाद सारंगढ़ से कोसीर होते हुए सिंघनपुर तक के लिये बन रही 23 किलोमीटर लंबी सड़क के लिये पीएमजीएसवाय से 12 करोड़ रूपये में सड़क निमार्ण का ठेका लेने वाली कंपनी आरकेटीसी इस स्तरहीनता के साथ रोड़ का निमार्ण करा रही है कि पहली ही बरसात मे रोड़ के बहने की पूरी आशंका है। सिंघनपुर के पास किया गया डामरीकरण पहले की दिन से उखड़ने लगा है। बिना सही बेस के वर्षाकाल के पूर्व आनन-फानन मे किया जा रहा रोड़ निमार्ण से यह रोड़ क्षेत्रवासियो के लिये गड्ढ़ो से भरा सड़क होगा और कैंसर रूपी इसको झेलना पड़ेगा। इस महत्वपूर्ण रोड़ के घटिया निमार्ण में पीएमजीएसवाय विभाग के अधिकारियो की भी संरक्षण वाली भूमिका के कारण से स्तरहीन निमार्ण को बढ़ावा मिल रहा है।

    सारंगढ़ से कोसीर होकर सिंघनपुर की पहुंच मार्ग सारंगढ़ और कोसीर अंचल के लाईफ-लाईन रोड़ मानी जाती है। इस रोड़ का पुर्ननिमार्ण का मुद्दा गत विधानसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा बन गया था तथा इस रोड़ का निमार्ण भी इस क्षेत्र में चुनावो को प्रभावित करने वाला प्रमुख मुद्दा में से एक था। इस कारण से क्षेत्रीय विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े ने इस रोड़ का पुर्ननिमार्ण को प्राथमिकता में रखा और इसके लिये 11.90 करोड़ रूपये का स्वीकृति प्रदान करवाया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग के देखरेख मे संपन्न हो रहा इस रोड़ का टेंडर कोरबा की कंपनी आरकेटीसी को मिला तथा रोड़ के चौड़ीकरण से लेकर डामरीकरण का कार्य को इस वर्षाकाल के पूर्व संपन्न करना था किन्तु ठेकेदार के लेटलतीफी के कारण और स्तरहीन निमार्ण के कारण से यह रोड़ बनने के साथ ही उखड़ने लगा है। इस रोड़ के निमार्ण के लिये जब पूरे निमार्ण कार्य का जायजा लिया गया तो काफी ज्यादा लापरवाही सामने आई है जिससे यह रोड़ बनने के साथ ही उखड़ने वाली स्थिति में आ जायेगा। सारंगढ़ के शासकीय कालेज के पास से लेकर कोसीर होते हुए सिंघनपुर के पास तक बन रही है इस 23 किलोमीटर लंबी सड़क के लिये सबसे बड़ी समस्या पीएमजीएसवाय के किसी भी अधिकारी के द्वारा इस रोड़ का मानीटिरिंग करना नही है। जिसके कारण से माल फेककर ठेकेदार उसे रोलर से सपाट कर दे रहा है और बिना ठोस बेस के ही डामरीकरण करके उसमे वर्क को पूर्ण कर दे रहा है।



बिना पानी के जीएसबी को किया गया रोलिंग?

सारंगढ़-कोसीर-सिंघनपुर तक के लिये बन रही इस सड़क मे सबसे बड़ी समस्या जीएसबी का बिना पानी मिक्सिंग का रोड़ पर डालकर बिना पानी डाले ही रोलिंग करना है जिसके कारण से बेस काफी स्तरहीन बन रहा है। स्तरहीन बेस बनने के कारण से यह रोड़ दलदल जैसा खेल रहा है जिसके कारण से इसके ऊपर किया जाने वाला डामरीकरण उखड़ने लग गया है। इसका मुख्य कारण यहा पर किया गया चौड़ीकरण मे सिर्फ मिट्‌टी को डाल दिया गया है जबकि कई लेयर मे मिट्टी को पानी डालकर रोलिंग करके उसे मजबूत प्रेस करके उसके ऊपर जीएसबी का मिक्सर डालना था किन्तु ठेकेदार के द्वारा ऐसा कुछ भी नही किया गया और चौड़ीकरण मे सिर्फ मिट्‌टी को फैलाकर जीएसबी को डालकर रोड़ निमार्ण का बेस पूर्ण कर दिया गया। वही बिना पानी के जीएसबी को रोलर से एक बार प्रेस करके उसके ऊपर ईमलशन डालकर बेस कोट और सीलकोट का वर्क पूर्ण कर रोड़ निमार्ण संपन्न कर दिया गया। जिससे रोड़ अंदर से पूरी तरह से खोखला है तथा उसमें किसी भी प्रकार से कोई मजबूती नही है।  
 

खम्हारडीह में किया गया स्तरहीन और मनमाना निमार्ण..

सारंगढ़-कोसीर-सिंघनपुर रोड़ में खम्हारडीह गांव में बनाया गया रोड़ मे ठेका कंपनी आरकेटीसी ने जमकर खिलवाड़ किया है। इस कंपनी के द्वारा रोड़ क्रास मे दिये जाने वाला पुलिया को नही दिया गया जिससे खम्हारडीह गांव में एक ओर का पानी निकासी बंद हो गया है जिसके कारण से गांव के तीन मोहल्ले का पानी निकलना बंद हो गया है और पानी रोड़ के किनारे पर जाम हो गया है। वही मोड़ के पास का सीसी रोड़ दो दिन मे ही पूरी तरह से उखड़ गया है। इस मामले में गांववालो ने बताया कि ठेकेदार के आदमियो के द्वारा मनमानी कार्य कराया जा रहा है। तीन से अधिक स्थान पर पहले से छोटा पुलिया बना हुआ था जिससे गांव का पानी निकासी होता था उसके ह्यूम पाईप को निकालकर नाली को तोड़ दिया गया और सीसी रोड़ बना दिया गया। जब गांव का पानी रूकना शुरू हुआ तो ठेकेदार को नाली बनाने की सूझ रही है और वैकल्पिक रास्ता खोज रहे है। वही गांव से गुजरने वाली रोड़ जो कि सीसी रोड़ बनी हुई है बनने के साथ ही पूरी तरह से उखड़ गई है। ठेका कंपनी आरकेटीसी के अधिकारी और कर्मचारियो के साथ साथ पीएमजीएसवाय विभाग के अधिकारी कर्मचारी को कई बार जानकारी देने के बाद भी कोई सुधार नही हो रहा है।

नई डामरीकरण रोड़ में दलदल जैसे उथल-पुथल..!

इस रोड़ के निमार्ण में गुणवत्ता का जरा सा भी ध्यान नही रखने के कारण से इस रोड़ का बेस खराब हो गया है तथा नीचे मे मिट्‌टी का अभी भी ढंग से सेट नही होने के कारण से वर्षाकाल मे ही यह रोड़ बैठना शुरू हो जायेगा जिसका सीधा प्रभाव रोड़ के सतह पर पड़ेगा और डामरीकरण टूटकर रोड़ को गडढ़ो मे तब्दील कर देगा। इस कारण से यह रोड़ उथल-पुथल कर रहा है। इस रोड़ में दलदली जैसा महसूस होगा। एक भी भारी वाहन के गुजरने से रोड़ पर किया गया डामरीकरण कई स्थान पर बैठना शुरू हो गया है। इस कारण से अगल-बगल के पटरी वर्क पूरी तरह से टूटकर निकल जायेगा और 12 करोड़ की लागत से बनने वाली यह सड़क बनने के साथ ही उखड़ने लगेगी। इस रोड़ के स्तरहीन निमार्ण के कारण से क्षेत्रीय जनता को फिर से जर्जर रोड़ को झेलना पड़ेगा।

स्तरहीन डामरीकरण और नाम मात्र का ईमलशन....!

इस रोड़ मे बेस का निमार्ण होने के बाद ईमलशन का केमिकल को पर्याप्त मात्रा मे प्रदान करना है जिससे रोड़ के ऊपर में किया जाने वाला बेस कोट को सड़क पकड़ के रखे किन्तु ठेकेदार के निमार्णकर्ता कर्मचारीयो को सख्त हिदायत है कि ईमलशन केमिकल को काफी कम डाला जाये ताकि खपत कम हो और पूरा का बिल बने। वही बेस कोट के लिये 20 एमएम का किया जाने वाला वर्क मे भी डामर की मात्रा निर्धारित ग्रेड से काफी कम है तथा मिक्सिंग भी नाम मात्र का किया गया है। यहा पर बिटुमिन यानि डामर का ग्रेड में बड़ा खेल खेला जा रहा है। वही हाल बेसकोट के ऊपर किया जाने वाला सीलकोट को लेकर है। जीरा मे किया जाने वाला सीलकोट का वर्क में ठेकेदार स्तरहीन डामर के मिक्सर का इस्तेमाल कर रहा है साथ ही उसे उच्चताप में गर्म भी नही किया गया है। जिसके कारण से वर्षाकाल मे यह डामरीकरण रोड़ उखड़कर निकल जायेगा।

बिना पानी का बनाया जा रहा है जीएसबी..?

इस रोड़ के निमार्ण मे मिट़्टी वर्क भी काफी महत्वपूर्ण है किन्तु उसके बाद इसमे डाला जाने वाला जीएसबी जिसमें 40 एमएम का बोल्डर के स्थान पर 10 एमएम का पत्थर मिक्स करके डाल दिया गया है। वही इसमे पानी की मात्रा को नाम मात्र का डाला गया है। साथ ही क्रशर का डस्ट का उपयोग ज्यादा मात्रा मे किया गया है। निर्धारित मात्रा के स्थान पर सिर्फ नाम मात्र का जीएसबी बनाया गया है। वही इसको रोड़ पर फैलाने के बाद उसको पानी डालकर प्रेशर रोलर से प्रेश करना है किन्तु बिना पानी के ही ठेकेदार के द्वारा रोड़ को प्रेशर करके समलत कर दिया जा रहा है तथा ईमलशन डालकर डामर का बेसकोट तथा उसके बाद सीलकोट करके रोड़ निमार्ण को पूर्ण कर दिया जा रहा है। जिससे यह रोड़ बनने के साथ ही उखड़ने लगा है।

रोड़ चौड़ीकरण का पटरी वर्क अभी से लगा उखड़ने..!

सारंगढ़-कोसीर-सिंघनपुर तक बन रही 23 किलोमीटर लंबी सड़क के निमार्ण मे रोड़ का चौड़ीकरण मे किया गया मिट्‌टी का काम बहुत महत्वपूर्ण है। कागजो मे उच्च गुणवत्ता वाले मुरूम का कार्य यहा पर किया गया है किन्तु बगल खेत की कन्हार मिट्‌टी को खोदकर इस रोड़ का पटरी वर्क कर दिया गया है। इस चौड़ीकरण मे पानी नही डालने के कारण से मिट्‌टी मे चलाया गया रोलर मे मजबूती नही है। इस कारण से वर्षाकाल मे मिट्टी के धंसने की पूरी संभावना है। मिट्‌टी के ऊपर अभी से वाहन आदि चलने से यह सेट होने लग रहा है ऐसे मे उसके ऊपर किया जा रहा डामरी करण कैसे में टिक पायेगा?

क्या अधिकारियो के संरक्षण मे हो रहा है स्तरहीन निमार्ण?-

इस रोड़ के निमार्ण में सबसे महत्वपूर्ण बात विभाग के अधिकारियो का संरक्षण है। कोरबा की ठेका कंपनी आरकेटीसी के क्षेत्र मे बनाये जाने वाली कई सड़को मे खराब गुणवत्ता का शिकायत सबसे ज्यादा है इसका मुख्य कारण पीएमजीएसवाय विभाग के अधिकारियो का संरक्षण है। 12 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क मे कई काम पेटी कान्ट्रेक्टर को दिया गया है जो कि मनमानी और स्तरहीन निमार्ण कर सड़क को और भी कमजोर कर दिये है। वही आरकेटीसी कंपनी के कर्मचारी गुणवत्त का जरा सा भी ख्याल नही कर आनन-फानन मे रोड़ का निमार्ण को इस माह पूरा करने वाले है। जिसके कारण से पहली की बरसात मे यह रोड़ उखड़ना शुरू हो जायेगा इस बात से इंकार नही किया जा सकता...!




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