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सारंगढ में एक बार फिर खाकी हुई दागदार....पुलिसकर्मियों पर फिर लगा वसूली का आरोप...

रायगढ़। सारंगढ़ क्षेत्र इन दिनों अवैध उगाही का अड्डा बनता जा रहा है पिछले कुछ दिनों से अवैध उगाही का मामला लगातार सामने आ रहा है और यह अवैध वसूली का कारनामा कोई आम नागरिक नहीं बल्कि प्रशासन के ही अधिकारी कर्मचारी के रहे हैं । खासकर कुछ दिनों से पुलिस की छवि सारंगढ़ क्षेत्र में लगातार दागदार होती जा रही है। इन दिनों इस क्षेत्र में लगातार पुलिस के कर्मचारी और अन्य अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा लोगों को कानून का डर दिखाकर अवैध रूप से पैसों की डिमांड की जा रही है। जिसकी शिकायत भी लगातार सामने आ रही है। अभी कुछ दिन पहले ही एक डॉक्टर से उसके क्लीनिक को फर्जी बताकर 300000 रु की डिमांड की गई थी जिसमें प्रताड़ित डॉक्टर ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की थी जिसमें सारंगढ़ थाने के एसआई और तहसीलदार को सस्पेंड किया गया है।

पीड़ित नारायण कुर्रे पिता श्री राम कुर्रे निवासी ग्राम भंवरपुर तहसील सारंगढ़ ने अवैध उगाही करने वाले खगेश्वर रात्रे वनरक्षक गोमर्डा अभ्यारण सारंगढ़ एवं सारंगढ़ थाने में पदस्थ बेहरा नाम के प्रधान आरक्षक के विरुद्ध शिकायत जिला कलेक्टर ,एसपी व वन मंडल अधिकारी से किया है।

पीड़ित ने आवेदन में बताया है कि वह 15 जून को 8:00 बजे अपने निजी ट्रैक्टर से ग्राम भंवरपुर,बरदरहा सिवाने के पास राजस्व शासकीय एवं निजी जमीन पर लात नाला के पास गिट्टी पत्थर लेने गया था तभी मौके पर खगेश्वर रात्रे वनरक्षक व बेहरा प्रधान आरक्षक के साथ एक अन्य आरक्षक पुलिस थाना सारंगढ़ से पहुंचकर सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे कहते हुए डरा धमकाकर अनुचित दबाव बनाते हुए प्रताड़ित किया गया।

शासकीय कर्मचारियों के द्वारा अवैधानिक पूर्वक दबाव बनाते हुए पीड़ित को डरा धमका कर 25000 की मांग की गई नहीं देने पर जेल में बंद कर देने की धमकी देते हुए ट्रैक्टर को थाना में खड़ा कर सड़ा देने की बात कह कर डराया धमकाया गया। जिससे पीड़ित भयभीत होकर 15000 रु देने की बात पर सहमति दी। पीड़ित से प्रधान आरक्षक ने 10000 रु लिए और बकाया ₹5000 को भी देने के लिए परेशान किया जा रहा है।

व्यक्ति ने आवेदन में बताया है कि उक्त कर्मचारी द्वारा की गई कार्यवाही अवैधानिक और उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।




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