
हर साल 30 लाख जहरीले सांप पालते हैं इस गांव के लोग, होती है इतनी इनकम
खेती-किसानी को ग्रामीण अर्थव्यावस्था का अटूट अंग कहते हैं. इसी के जरिये दुनियाभर में खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित होती है और गांव के लोग अपना जीवनयापन करते हैं. वैसे तो पुराने समय से ही खेती में विविधता को बढ़ावा दिया जा रहा है.
किसान जहां-तहां फल, फूल, सब्जी, अनाज और औषधीय पौधों की खेती के साथ-साथ पशुपालन करते हैं, लेकिन आधुनिक समय में दुनिया की डिमांड को पूरा करने के लिये अजीबोंगरीब खेती-किसानी करने का चलन बढ़ते लगा है.
इसी में शामिल है सांप पालन या सांप की खेती . जानकारी के लिये बता दें कि चीन के झेजियांग प्रांत के जिसिकियाओ गांव में लोग सांप पालकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं. यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव के सांपों की अमेरिका, रूस, दक्षिण कोरिया, जर्मनी जैसे देशों में काफी डिमांड रहती है.
भारत में सांप का जैव विविधता के साथ-साथ और धार्मिंक महत्व भी है, लेकिन दुनिया के सबसे खतरनाक और जानलेवा जानवरों में सबसे पहले सांपों की ही गिनती होती है.
सांपों का सिर्फ एक ही डंक इंसानों को हमेशा के लिये सुला सकता है, लेकिन चीन के झेजियांग प्रांत में स्थित जिसिकियाओ गांव के लगभग 30 लाख से ज्यादा सांपों का पालन या सांप की खेती की जा रही है, जिससे कुछ पैसा कमाकर इस गांव के लोग अपना भरण-पोषण करते हैं. बता दें कि चीन में सांपों को पालने की काफी पुरानी पंरपरा है. खासकर जिसिकियाओ गांव में 1980 से ही खेती की जगह सांप पालन व्यवसाय किया जा रहा है.
रिपोर्ट्स की मानें तो जिसिकियाओ गांव में करीब 100 से भी ज्यादा स्नेक फार्म मौजूद है, जहां कोबरा, अजगर, वायपर, रैटल जैसे जहरीले और बिना जहर वाले 30 लाख सांपों की खेती की जा रही है.
इस गांव के करीब 1000 से ज्यादा लोग अब सांप की खेती से अपनी आजीविका कमाते हैं. सबसे खास बता यह है कि ये लोग सिर्फ सांप पालन ही नहीं करते, बल्कि सापों की ब्रीडिंग भी करवाते हैं.
सांप की खेती के लिये सांप के बच्चों को शीशे या लकड़ी के छोटे-छोटे बक्सों में पाला जाता है. सर्दियों तक सांप के अंडों से सपोले निकल आते हैं और कुछ समय बाद वयस्क हो जाते हैं, जिसके बाद प्लास्टिक के थैलों में इनकी पैकेजिंग करके अमेरिका, रूस, दक्षिण कोरिया, जर्मनी जैसे देशों को बेच दिया जाता है.
आश्चर्य की बात है कि जहां सांप को देखकर लोग थर-थर कांपने लगते हैं, उसी सांप को पालकर चीन को लोग अच्छा पैसा कमा रहे हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो चीन के झेजियांग प्रांत के जिसिकियाओ गांव में सांप के विभिन्न अंगों को बाजार में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है, जिससे चीनी लोग को मोटा पैसा मिलता है.
इस गांव में सांप का बूचड़खाना भी मौजूद है. यहां सांप पालन का व्यवसाय इस कदर तरक्की कर रहा है कि लोगों ने खेती-किसानी छोड़कर इसी काम में निवेश करना शुरू कर दिया है.
बता दें कि सांप के जहर से ही कैंसर की दवाई या कीमो बनाई जाती है, जिससे कैंसर का जहर तक पिघल जाता है. इसके अलावा कई त्वचा संबंधी समस्या और चीन में बीमारियों का उपचार करने के लिये भी सांप के जहर का इस्तेमाल किया जाता है.
वैसे तो चीन में सांप को पालने की खास परंपरा रही है, लेकिन इस काम में काफी सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि सांप के डसते ही इंसान मौत के घाट उतर जाता है. ऐसा ही एक जहरीला और खतरनाक सांप है फाइव स्टेप, जिससे आज भी जिसिकियाओ गांव चीन और दुनिया के सभी देश काफी डरते हैं.
दरअसल इस सांप के बारे में कई मान्यतायें है कि फाइव स्टेप सांप ) के डंसने के बाद पांच कदम चलते ही आदमी मौत की नींद सो जाता है. ऐसे खतरों के बीज चीन के झेजियांग प्रांत के जिसिकियाओ गांव में सांप पालन का काम खरतनाक और अद्भुत है.