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गाइडलाइन जारी : 16 जून से 15 जुलाई तक होगा शाला प्रवेश उत्सव 2023 का आयोजन

 रायपुर। 45 दिन की गरमी की छुट्टी के बाद 16 जून से स्कूल खुल रहे हैं। प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव को लेकर कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि छुट्टी के बाद बच्चों का पहला दिन स्कूल में यादगार होना चाहिये। इस वर्ष का प्रवेश उत्सव 16 जून से लकर 17 जुलाई तक व्यापक प्रचार प्रसार और जोर शोर के साथ करने का निर्देश दिया गया है।

Chhattisgarh में 16 जून से खुल रहे स्कूल

दरअसल राज्य में इस साल 16 जून को स्कूलों में कक्षाएं लगनी शुरू होगी. इसके साथ एडमिशनभी शुरू हो जाएगा इस लिए राज्य सरकार इसे प्रवेश उत्सव के रूप में मनाएगी एक माह तक चलने वाले शाला प्रवेश उत्सव के शुरूआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे पहले दिन सभी स्कूलों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेलऔर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के संदेश का वाचन (Reading) किया जाएगा जनप्रतिनिधियों द्वारा न्यू एडमिशन बच्चों का स्वागत, बच्चों को मिलने वाले सुविधाओं का वितरण किया जाएगा. इसके साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल के विकास के लिए शपथ लिए जाएंगे वहीं बच्चों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों का सम्मान किया जाएगा

100 प्रतिशत बच्चों के Admission के लिए बड़ी तैयारी

शाला प्रवेश उत्सव आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है शाला प्रवेश उत्सव को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे सभी स्तर पर सफल बनाएं ताकि 100 प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में एडमिशन हो सके सत्र प्रारंभ होने से पहले स्कूल प्रबन्धन समिति की विशेष बैठक का आयोजन करने कहा गया है प्रवेश उत्सव के दौरान पहले दिन राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सभी स्कुलों में आयोजन किया जाएगा

10 दिन तक चलेगा बड़े स्तर में अभियान

गांव को शून्य ड्राप आउट घोषित करते के लिए अभियान चलाया जाएगा बड़ी कक्षाओं के बच्चों को जिम्मेदारी दी गई है कि गांव में बच्चों के पालकों से मुलाकात करें और रोजाना बच्चों को क्लास भेजने के लिए प्रेरित करे बड़ी कक्षा के बच्चे यह काम तब तक करेंगे जब तक कि स्कूल जाने योग्य आयु के सभी बच्चों को ये स्कूल रेगुलर आने के लिए सहमत न कर लें बच्चों को साधारण गणित के सवाल देकर बनाने का अभ्यास करवाया जाएगा प्रत्येक स्कूल में खेलगढ़िया के अंतर्गत खेलसामग्री उपलब्ध करवाई गयी है प्रवेशोत्सव के छठवें दिवस सभी स्कूलों में खेलकूद का आयोजन किया जाएगा प्रवेशोत्सव के दौरान प्रत्येक स्कूल में कम से कम दस कहानी की पुस्तकें जनसहयोग से तैयार करवाते हुए उपयोग लाने का निर्देश दिया गया है इन पुस्तकों को बाद में एक दूसरे के स्कूलों में बदलकर पढ़ने के अवसर दिए जाएगा


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