महासमुंद : मृतक की पत्नी अकेले अपना नाम सम्पत्ति में नहीं चढ़ा सकती
आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में थाना प्रभारी बसना को नोटिस दिया गया वह स्वयं उपस्थित व आवेदिका अनुपस्थित है। आगामी सुनवाई में आवेदिका को उपस्थित रखने के लिए टीआई ने मांग किया गया। उन्हें समझाइस दिया गया कि आगामी सुनवाई में आवेदकगण को उपस्थित नहीं रख पाने की स्थिति में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जावेगा। प्रकरण को रायपुर स्थानांतरित किया गया। अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनों पक्षों के बीच सुलह नामा हेतु संरक्षण अधिकारी सुश्री पूनम कोसरिया को प्रकरण की छायाप्रति उपलब्ध कराया गया। उनके द्वारा छः माह तक प्रकरण की निगरानी किया जाएगा।
अन्य प्रकरण में दोनां पक्षों को विस्तार से सुना गया। आवेदिका की जमीन पर अनावेदक 2, सरपंच ग्राम लामी के द्वारा जेसीबी से पेड़ उखाडा जाना स्वीकार किया गया है इससे आवेदिका की शिकायत प्रमाणित होती है कि बिना जानकारी के फेंसिंग तार काटकर पेड़ उखाड़ा गया। अनावेदक 1 जो कि ग्राम सरंपच के पति व शिक्षक है उनके द्वारा सरपंच पद के समस्त अधिकारों का दुरूपयोग किया जा रहा और सरंपच को किसी बात की जानकारी नहीं रहती तथा आवेदिका से 1200 रूपये फोन पे पर लेना स्वीकार किया गया। इससे यह स्पष्ट है कि आवेदिका से अनावेदक 1 ने 13800 रूपये भी लिया होगा लेकिन उसके बाद भी आवेदिका के शिकायत की कोई कार्यवाही नहीं किया गया। अनावेदक 2 द्वारा आवेदिका से अश्लील छेड़छाड़ जातिगत आवेदिका से गाली गालौज किया गया जिसकी शिकायत आवेदिका ने थाना प्रभारी पटेवा से की थी जिसका स्थानांतरण महासमुंद हो गया है।
वर्तमान में पटेवा में उप निरीक्षक थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ है। उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचित करने की जिम्मेदारी अनावेदक 3 की होगी। तथा आयोग की ओर से सूचना भेजी जाएगी। उभय पक्ष को समझाइश दिया गया कि 29 दिसंबर 2024 को आवेदिका के ग्राम में दोपहर 12 बजे ग्राम पंचायत भवन पचरी में समस्त उभय पक्ष उपस्थित होंगे जिसमें महिला आयोग सदस्य सरला कोसरिया) संरक्षण अधिकारी पूनम कोसरिया) काउंसलर जागेश्वरी सोनवानी एवं थाना प्रभारी पटेवा के साथ चार पुलिस बल उपस्थित रहेगी। आवश्यकतानुसार मौके पर निरीक्षण के लिए कार्यवाही मान.सदस्य के द्वारा किया जा सकेगा। उनके रिपोर्ट मिलने के पश्चात प्रकरण पर अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका एवं आवेदक का विवाह 2008 में हुआ था उनका विवाह से 5 वर्ष की बेटी व 2 साल का बेटा है अनावेदक ने बच्ची को आवेदिका से छीनकर अपने साथ रखा हुआ है। तथा आवेदिका को उनसे मिलने भी नहीं देता है अनावेदक 1 पिथौरा के वेयर हाउस में डेली वेजेस पर काम करता है और उसे 10000 रुपये मिलता है। आवेदिका से तलाक लिये बगैर अनावेदिका 2 से विवाह कर लिया है जिसके साथ करवा चौथ मनाते हुए उसकी फोटो व अनावेदक 2 के साथ ढेर सारी फोटो संलग्न है जिसका वह कोई जवाब नहीं दे रहा है। इससे यह साफ पता चलता है कि अनावेदक 1 अपनी गलती छुपाने के लिए झूठ बोल रहा है। और अनावेदक 2 जो कि अनावेदक 1 की दूसरी पत्नी है उसके बारे में स्पष्ट तथ्य नहीं बता रहा है। अनावेदक 1 का मोबाइल ले लिया गया है। प्रकरण की अगली सुनवाई 24 दिसंबर को रायपुर में रखा गया है जहा अनावेदिका 2 व बच्ची को लेकर उपस्थित होंगी। यदि अनावेदक अनुपस्थित रहता है तो उनके सेवा समाप्ति के लिए लेख किया जाएगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक 1, 2 और 3 खिलाफ दिनांक 01-03-2024 को धारा 494 तथा धारा 498 ए के तहत थाना बलौदा में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें प्रकरण में प्रकरण की प्रति अभिलेख में संलग्न की गई। अनावेदक ने बताया की मामला न्यायालय सरायपाली में चल रहा है जिसका पेशी तारीख 4 फरवरी 2025 को है। आवेदिका को एफआईआर की प्रति दी गई। प्रकरण चूंकि न्यायालय में विचाराधीन है अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपनी स्व. पति उमेश चंद्राकर के ईलाज में कोई भी आर्थिक मदद नहीं किया व फर्जी तरीके से अपना नाम चढ़ाते जा रही है जबकि आवेदिका के पति 4 भाई व मॉ कुल 5 हिस्सेदार जीवित है। जिनका सम्पत्ति में 1/5 का बराबर का हिस्सा है उन्हें हिस्सा दिये बगैर व अपने पति स्व. उमेश चद्राकर के इलाज में हुए 28 लाख के खर्च में कोई हिस्सेदार दिए बगैर सम्पत्तियों को हड़पते जा रही है। अतः अनावेदकगण इस प्रकरण की आर्डरशीट व इसमें की गई अनुशंसा के आधार पर आवेदिका से अपनी सम्पत्ति का हिस्सा वापस पाने के लिये तथा इंश्योरेंस क्लेम में हिस्सा पाने के लिये उपभोक्ता फोरम से कार्यवाही कर सकते है। नगर पालिका महासमुंद में मृतक उमेश चंद्राकर व गौरव चंद्राकर के नाम पर दुकान नम्बर 22 इंदिरा मार्केट में आवेदिका तृप्ति उर्फ रानी चंद्रकार ने अकेले का नाम चढ़ा लिया है उसे निरस्त कराने की कार्यवाही भी अनावेदकगण कर सकते है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।