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महासमुंद : संपर्क अभियान के तहत महाविद्यालय के उद्देश्य से अवगत हुए विद्यार्थी

महासमुंद : स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय महासमुंद द्वारा किये जा रहे पोषक विद्यालय संपर्क अभियान के तहत दिनांक 16 दिसंबर 2024 को डॉ.अनुसुइया अग्रवाल (डी. लिट.) के मार्गदर्शन में अंतिम दिन जिले के अंग्रेजी माध्यम के अग्रणी विद्यालय महर्षि विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल का भ्रमण किया गया। पोषक विद्यालय संपर्क अभियान समिति के नोडल अधिकारी प्रो प्रतिमा चंद्राकर तथा सहायक नोडल अधिकारी प्रो रवि देवांगन एवम् प्रो तरुण बांधे, प्रो हरिशंकर नाथ, प्रो निलेश तिवारी एवं प्रो शिखा साहू द्वारा जिले के अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय महर्षि विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल महासमुंद का भ्रमण किया गया। उच्च शिक्षा आयोग के पत्र अनुसार विद्यालयों के कक्षा 11वीं एवं 12वीं में पढ़ रहे विद्यार्थियों को महाविद्यालय में उपलब्ध पाठ्यक्रमों, मूलभूत सुविधाओं, भविष्य निर्माण हेतु उपलब्ध अवसरों तथा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

पोषक विद्यालय संपर्क अभियान” का उद्देश्य बताते हुए प्रतिमा चंद्राकर ने जानकारी दी की विद्यार्थियों को कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण होने के उपरांत जिले में स्थित एकमात्र अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय में प्रवेश लेने संबंधी जागरूक करना है। उन्होंने वर्तमान समय में अंग्रेजी माध्यम में अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्तमान समय प्रतियोगिता का समय है जिसमें छोटे शहरों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को बड़े शहरों में पढ़ रहे विद्यार्थी के समानांतर अंग्रेजी में दक्षता प्राप्त करनी आवश्यक है। प्रतिमा चंद्राकर ने जानकारी दी कि सत्र 2023-24 से पूरे राज्य में सिर्फ 10 स्थान पर अंग्रेजी माध्यम शासकीय महाविद्यालय शुरू किए गए हैं तथा उसमें से महासमुंद में भी एक महाविद्यालय होने का सौभाग्य हमें प्राप्त है। जो विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से पढ़कर निकल रहे हैं उनके लिए यह एक वरदान से कम नहीं है।

विभिन्न संकायों में उपलब्ध सीट संख्या की जानकारी देते हुए श्री रवि देवांगन ने बताया कि स्नातक प्रथम सेमेस्टर में बी. ए. में 60, बी.कॉम. में 90, बी.एससी. (गणित) में 60 तथा बी.एससी. (कंप्यूटर विज्ञान) में 60 सीट के साथ महाविद्यालय में कुल 270 सीट के लिए प्रवेश लिया जाता है। महाविद्यालय में बी ए में 04 विषय राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंग्रेजी साहित्य एवं अर्थशास्त्र संचालित है जिसमें से आपको मुख्य 3 विषय चयन करके अध्ययन करना होगा। विज्ञान विषय में गणित एवं कंप्यूटर साइंस संचालित है साथ ही वाणिज्य विषय भी संचालित है

तत्पश्चात तरुण कुमार बांधे ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जिसे 29 जुलाई 2020 की भारत के केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था। भारत की नई शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। नई शिक्षा नीति 2020 ने पिछली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986, की जगह ले ली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को बदलना है और यह नीति 2020 भारत को बदलने में सीधे प्रकार से योगदान प्रदान करती है। इसका उद्देश्य धर्म, लिंग, जाति या पंथ के किसी भी भेदभाव के बिना, सभी को बढ़ने और विकसित होने के लिए एक समान मंच प्रदान करना है। भारत को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके मौजूदा जीवंत ज्ञान समाज को बनाए रखना और उसकी देखभाल करना है। नई शिक्षा नीति 2020 पाँच स्तंभों पर केन्द्रित है वहनीयता, अभिगम्यता, गुणवत्ता, न्यायपरस्ता और जवाबदेही। निरंतर सीखने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए इसे समाज और अर्थव्यवस्था में ज्ञान की मांग के रूप में नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है, जिससे नियमित आधार पर नए कौशल हासिल करने की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। इस प्रकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसर प्रदान करना। उत्पादक रोजगार और अच्छे काम की ओर अग्रसर होना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य है। इस प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति बहु-विषयक्ता, डिजिटल साक्षरता, लिखित संचार, समस्या समाधान, तार्किक तर्क और व्यवसायिक प्रदर्शन पर अत्याधिक प्रभाव डालती है।

अभियान के तहत राजनीति शास्त्र प्राध्यापक हरिशंकर नाथ ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा डी एस सी, वी ए सी, जी ई एवं ए ई सी की विस्तृत जानकारी प्रदान किये और बताए कि डी एस सी में चयनित अनिवार्य 3 विषय आपको सभी 8 सेमेस्टर में पढ़ना रहेगा इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता। जी ई में आप अपने 3 मुख्य विषय के अलावा अन्य संकाय के विषयों में से किसी एक विषय को चयन करके पढ़ाई करना होगा जिसे आप हर सेमेस्टर में परिवर्तन कर सकते हैं। 1 वर्ष 2 सेमेस्टर पूर्ण करने पर सर्टिफिकेट, 2 वर्ष 4 सेमेस्टर पूर्ण करने पर डिप्लोमा, 3 वर्ष 6 सेमेस्टर पूर्ण करने पर डिग्री एवं 4 वर्ष 8 सेमेस्टर पूर्ण होने पर ऑनर्स की उपाधि छात्र छात्राओं को प्राप्त होगी।

श्री नाथ ने आगे कहा कि- हायर सेकंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद विद्यार्थी अपने पढ़ाई के साथ-साथ महाविद्यालय में होने वाली विभिन्न गतिविधियों जैसे - राष्ट्रीय सेवा योजना (एन. एस. एस.), यूथ रेडक्रॉस , सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद गतिविधियों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलता है। महाविद्यालय के ग्रन्थालय में भी महाविद्यालयीन स्तरीय पुस्तकों के साथ -साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी पुस्तकें, पत्र- पत्रिकाएं उपलब्ध हैं।

महाविद्यालय के गणित के प्राध्यापक निलेश तिवारी ने महाविद्यालय में संचालित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शिक्षा पद्धति, सेमेस्टर प्रणाली, परीक्षा पद्धति, प्रवेश प्रकिया, शासन प्रदत्त छात्रवृत्ति, भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा, अन्य लाभकारी योजना से विद्यार्थियों को अवगत कराया। रोजगार मार्गदर्शन हेतु महाविद्यालय द्वारा व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया गया है जिसमे महाविद्यालय के विद्यार्थी जुड़े हुए हैं इस ग्रुप के माध्यम से उनको सरकारी नौकरी एवं विभिन्न लाभकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।
महाविद्यालय के भौतिकी के प्राध्यापक शिखा साहू ने आगे चर्चा करते हुए कहा कि 12 वीं के बाद आपके पढ़ाई के क्षेत्र में नए सफर की शुरुआत हो जाती है, साथ एन एस एस, एनसीसी, रेडक्रॉस जैसे गतिविधि में भाग लेकर अपने प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते है।

महर्षि विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि देश के लिए उच्च शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शिक्षा पूर्ण समाज एवं मानव संसाधन के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली उच्च स्तर की है जिसके अंतर्गत मानव रचना एवं बौद्धिक प्रयासों के सभी क्षेत्रों: कला और मानविकी; प्राकृतिक, गणितीय एवं सामाजिक विज्ञान, इंजीनियरिंग; चिकित्सा; दंत चिकित्सा; कृषि; शिक्षा; कानून; वाणिज्य एवं प्रबंधन; संगीत एवं कला प्रदर्शन; राष्ट्रीय एवं विदेशी भाषाओं; संस्कृति; संचार इत्यादि में शिक्षा एवं प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है।




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