नियमित आर.एच.ओ. के ऑनलाइन वर्क नहीं करने पर सीएमएचओ के वेतन रोकने के आदेश को कोर्ट ने किया खारिज
कलेक्टर के अनुमोदन पर सीएमएचओ ने किया था वेतन रोकने की कार्यवाही
नियमित नर्सिंग कर्मचारी ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (R.H.O) द्वारा ऑनलाइन कार्य नही करने गौरेला पेंड्रा मरवाही के सीएमएचओ द्वारा वेतन रोकने की कार्यवाही को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गलत ठहराते हुए खारिज कर दिया गया है।
ज्ञात हो की स्वास्थ्य विभाग में छ ग स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ द्वारा सेवाओं को ऑनलाइन डाटा एंट्री का कार्य क्लिनिकल/नर्सिंग कर्मचारियों द्वारा कराए जाने पर नियुक्ति संबंधी सेवा शर्तों के विपरित कार्य लिए जाने के कारण पूरे प्रदेश में दिनांक 07.10.2024 एवं दिनांक 22.10.2024 को ज्ञापन सौंपकर ऑनलाइन कार्य बंद करने और अपने मूल कार्य संपादित करने की जानकारी शासन प्रशासन एवं विभाग को दिया गया है।
उसके बाद भी कई जिलों के सीएमएचओ द्वारा दबावपूर्वक ऑनलाइन कार्य करने संबंधी आदेश जारी करना और वेतन रोकने संबंधी आदेश जारी किया जा रहा है।
ऐसे में संघ के प्रदेश अध्यक्ष टारजन गुप्ता एवं प्रदेश सचिव प्रवीण ढीडवंशी ने कहा की ऑनलाइन डाटा एंट्री कार्य विशेष प्रकार के वेबसाइट और विशेष मोबाइल एप में करना होता है जिसके लिए तकनीकी कम्प्यूटर प्रशिक्षण आवश्यक है, एवं नियुक्ति संबंधी सेवा शर्तों में तकनीकी कंप्यूटर ज्ञान शामिल नही है , एवं RHO संवर्ग स्वास्थ्य एवं क्लिनिकल कार्यों के लिए प्रशिक्षित है , प्रशिक्षण के आधार पर सभी कर्मचारी अपने मूल कार्य कर रहे है।
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश जायसवाल एवं प्रवक्ता सुरेश पटेल ने कहा की पूर्व में विभाग द्वारा ऑनलाइन कार्य हेतु जेएसए/ पीएडीए की नियुक्ति की गई है, उसके बाद भी यह कार्य स्वास्थ्य सेवा देने वाले कर्मचारियों से लिया जा रहा है, जिसमे कर्मचारियों द्वारा असमर्थता प्रकट करते हुए ऑनलाइन कार्य बंद कर मूल कार्य किया जा रहा है।
उसके बाद भी जीपीएम सीएमएचओ द्वारा आयुष्मान कार्ड संबंधी कार्य अपूर्ण होने के कारण कुछ कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने संबंधी आदेश जारी किया गया था , उक्त आदेश के विरोध में सबंधित कर्मचारियों द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया, जिसमे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वेतन रोकने संबंधी आदेश को गलत ठहराते हुए आदेश खारिज कर वेतन भुगतान के आदेश दिए है।
संघ के आई टी सेल प्रभारी संतलाल साहू ने कहा की यदि विभाग द्वारा ऑनलाइन डाटा एंट्री ऑपरेटर की कमी है तो उनकी भर्ती की जानी चाहिए इस तरह से अन्य संवर्ग का कार्य कराने से आम जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाए प्रभावित हो रही है। विभाग में रिक्त पदों की भर्ती के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
संघ के प्रतिनिधियों द्वारा यह कहा गया है की यदि विभाग के अधिकारी इस तरह से दमनात्मक आदेश जारी करते है तो संघ द्वारा उग्र आंदोलन, घेराव , मानवाधिकार आयोग एवं माननीय उच्च न्यायलय का रास्ता अपनाया जाएगा।