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सरायपाली : मोहम्मद हामिद सपरिवार उमराह यात्रा के लिए हुए रवाना, समाज ने दी शुभकामनाएं

इस्लाम धर्म में उमराह यात्रा को बेहद पाक और सवाब का कार्य माना जाता है। यह यात्रा अल्लाह की रज़ा और नेकियों की प्राप्ति के लिए की जाती है, जिसमें बंदा अपने गुनाहों की माफी मांगता है और इबादत के जरिए खुदा का करीब हो जाता है। इसी भावना के साथ सराईपाली के हाजी अजान मोहम्मद के सुपुत्र मोहम्मद हामिद अपनी माताजी मुमताज बेगम और पत्नी नसरीन बानो के साथ उमराह यात्रा के लिए रवाना हुए। उनकी इस पवित्र यात्रा को लेकर समाज में उत्साह और खुशी का माहौल रहा।

फातेहा और विदाई की भावुक घड़ियां

यात्रा से पहले मोहम्मद हामिद एवं उनके परिजनों ने स्थानीय कब्रिस्तान पहुंचकर अपने पूर्वजों की कब्र पर फातेहा पढ़ी और उनके लिए मगफिरत की दुआ मांगी। इस अवसर पर समाज के लोगों ने भी सामूहिक रूप से अल्लाह से दुआ की कि उनकी उमराह यात्रा कुबूल हो और वे सकुशल अपने नगर लौटें। कब्रिस्तान में फातेहा के दौरान एक भावुक माहौल बना, जहां उपस्थित जनों ने उन्हें इस पाक यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।

रायपुर एयरपोर्ट से जेद्दा के लिए उड़ान

फातेहा के बाद मोहम्मद हामिद एवं उनका परिवार रायपुर स्थित माना एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ। वहां से वे रात 9 बजे सऊदी अरब के जेद्दा के लिए उड़ान भरेंगे। जेद्दा पहुंचने के बाद वे मक्का शरीफ जाएंगे, जहां वे अल्लाह के घर काबा की जियारत करेंगे और उमराह की तमाम रस्में अदा करेंगे। इस दौरान वे तवाफ, सई और अन्य अरकान पूरे करते हुए अल्लाह की इबादत में समय बिताएंगे।

समाजजनों ने दी शुभकामनाएं

इस पावन अवसर पर सराईपाली सुन्नी हनफी मुस्लिम जमात के मुतवल्ली हाजी शाहिद खान के नेतृत्व में समाज के गणमान्य जनों ने मोहम्मद हामिद और उनके परिवार को विदाई दी और उन्हें उमराह यात्रा की मुबारकबाद पेश की। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जिनमें मोहम्मद क़ादिर, रफीक खान (चुरू) फारूख हुसैन, मोहम्मद शाहिद, सैयद चांद, मोहम्मद जाहिद, अब्दुल सत्तार, मुस्लिम अत्तारी, मोहम्मद कलीम (बबलू), मोहम्मद सफीक, मोहसिन मेमन, नसीम मोहम्मद, मोहम्मद सुल्तान आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

सभी ने इस अवसर पर दुआ करते हुए कहा कि अल्लाह इस यात्रा को कुबूल फरमाए, उनके गुनाहों को माफ करे, उनकी दुआओं को कबूल करे और उन्हें सेहत और सलामती के साथ घर वापस लौटाए। इस्लामिक मान्यता के अनुसार उमराह करने वाले को अल्लाह की विशेष रहमत प्राप्त होती है, और वह न सिर्फ अपने लिए बल्कि पूरे समाज और मुल्क के लिए भी दुआ करता है।

इस यात्रा के दौरान मोहम्मद हामिद और उनका परिवार मदीना शरीफ भी जाएंगे, जहां वे हुजूर-ए-पाक ﷺ के रोज़ा-ए-अकदस की जियारत करेंगे और सलाम पेश करेंगे। उनके इस पाक सफर पर पूरे समाज की नजरें टिकी हुई हैं और सभी उनके कुशलतापूर्वक लौटने की कामना कर रहे हैं।




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