
महिलाओं को मिला मछली पालन के लिए जाल बढ़ेगा रोजगार
मिरचे गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर भारत की प्रेरक मिसाल बन रही हैं। यहां की जय मां शीतला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने न सिर्फ अपनी मेहनत और समर्पण से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाया है, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता का बेहतरीन उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।
यह समूह बीते तीन वर्षों से गांव के तालाब में मछली पालन का व्यवसाय कर रहा है, और अब तक 2,50,000 रू. तक की आय अर्जित कर चुका है। समूह की अध्यक्ष तामेश्वरी नेताम और सचिव शकुंतला साहू के नेतृत्व में यह कार्य निरंतर आगे बढ़ रहा है। आज यह समूह अपने परिश्रम और अनुशासन के बल पर मछली पालन के क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बना चुका है।
समूह की महिलाओं ने शासन की जाल वितरण योजना के अंतर्गत मत्स्य विभाग से सुशासन तिहार 2025 अंतर्गत सहायता की मांग की थी। उनकी इस मांग को सुनवाई मिली और उन्हें जिले के अंबागढ़ चौकी विकासखंड चिल्हाटी क्लस्टर में आयोजित समाधान शिविर के माध्यम से मछली पकड़ने के लिए जाल वितरित किया गया। इससे न केवल उनके कार्य में सुविधा बढ़ेगी बल्कि उत्पादन व आमदनी में भी इजाफा होगा।
जाल प्राप्त कर लाभान्वित हुईं महिलाओं ने शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इसी प्रकार सहयोग मिलता रहा, तो वे अपने व्यवसाय को और अधिक विकसित करेंगी और अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेंगी।
साथ ही जब इच्छाशक्ति, सामूहिक प्रयास और शासन की योजनाओं का सही क्रियान्वयन एक साथ होता है, तो ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम बढ़ा सकती हैं। उन्होंने समाधान शिविर को आम जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु एक सार्थक पहल बताया।