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पिथौरा : एक ही भूमि का दो बार विक्रय, मामला दर्ज

पिथौरा थाना अंतर्गत ग्राम ग्राम ठाकुरदिया, कौहाकुडा में एक ही भूमि को दो बार विक्रय करने पर आरोपी के विरुद्ध अपराध धारा 420 भादवि पंजीबद्ध किया गया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 19 मार्च 2025 के संजय गिरी की ओर से अधिवक्ता शिवाकांत उपाध्याय के द्वारा द.प्र.सं. की धारा 156(3) के तहत आवेदन पेश किया था जिमसें माननीय न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 19.03.2025 को पारित आवेदन पत्र पर प्रथम सूचना पर दर्ज कर अन्वेषण उपरांत अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत करने लिखित आदेश दिया गया. जिसपर पुलिस ने आरोपी विद्याधर पटेल के विरूद्ध अपराध धारा 420 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है.

बताया गया कि ग्राम ठाकुरदिया कला में परिवादी द्वारा कुल खसरा 04 रकबा 1.34 हेक्टेयर में 11 जुलाई 2011 को कुल 3 लाख 50 हजार रुपये में भूमियों को क्रय कर कब्जा प्राप्त किया गया था. पंजीकृत विक्रय विलेख का विधिवत निष्पादन उप-पंजीयक महासमुन्द के कार्यालय में किया गया था. उपरोक्त विवरण की भूमियों का राजस्व अभिलेखों में नामांतरण परिवादी के पक्ष में नहीं किया जा सका था जिसे अपने पक्ष में नामांतरण किये जाने हेतु नायब तहसीलदार पिथौरा को मार्च 2022 में आवेदन प्रस्तुत कर अपने पक्ष में उपरोक्त भूमियों का नामांतरण कर राजस्व अभिलेख दुरूस्त किये जाने की प्रार्थना की गई.

इसके बाद नायब तहसीलदार पिथौरा के द्वारा परिवादी के पक्ष में उपरोक्त भूमियों का नामांतरण कर अभिलेख दुरूस्त किये जाने का आदेश पारित किया गया किन्तु उक्त आदेश के पूर्व ही पश्चातवर्ती क्रेता उमादेवी पटेल के पक्ष में उपरोक्त भूमियों का नामांतरण कर दिया गया जिसकी परिवादी को बाद में जानकारी मिली. इसी बीच परिवादी को जानकारी मिली कि अभियुक्त के द्वारा परिवादी से छल कारित करते हुये केवल राजस्व अभिलेखों में उसका नाम दर्ज होने के आधार पर उपरोक्त भूमियों को कुछ अन्य भूमियों के साथ पंजीकृत विक्रय विलेख के माध्यम से उमादेवी पटेल पति गंगाधर पटेल निवासी ग्राम अर्जुनी पोस्ट गडबेड़ा थाना व तहसील पिथौरा के पास दिनाँक 14 मार्च 2022 को उप पंजीयक कार्यालय पिथौरा के कार्यालय में पंजीकृत अंतरण कर दिया.

इस प्रकार अभियुक्त द्वारा परिवादी के पक्ष में उपरोक्त भूमियों का पंजीकृत विक्रय विलेख के माध्यम से अंतरण कर कब्जा प्रदान किये जाने के बाद भी परिवादी के साथ छल करने के आशय से कूट रचना करते हुये तथ्यों को छिपाकर पुनः उसी खसरा नंबर की सभी भूमियों का विक्रय करते हुये प्रतिफल प्राप्त कर लिया जिससे परिवादी को आर्थिक क्षति कारित हुई और पंजीकृत विक्रय विलेख के आधार पर क्रय की गई भूमि से वंचित होना पड़ रहा है.

परिवादी के द्वारा थाना पिथौरा में आवेदन प्रस्तुत कर कार्यवाही की माँग की गई किन्तु किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक महासमुन्द को अपने अधिकारों के तहत उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया गया जहाँ से भी कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण न्यायालय के समक्ष दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत यह परिवाद प्रस्तुत किया गया.

बताया गया कि अभियुक्त के द्वारा किया गया कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 406, 420, 467,468, 471 के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी का कृत्य है.

आवेदक द्वारा अपने आवेदन में उसके द्वारा आरोपी विजयधर पटेल से उसके स्वामित्व की भूमि ग्राम ठाकुरदिया तहसील पिथौरा में कुल खसरा नं. 04 एवं कुल रकबा 1.34 हेक्टेयर को पंजीकृत विक्रय पत्र दिनांक 11 जुलाई 2011 के माध्यम से क्रय करना बताया गया है,  जो कि कथित विक्रय पत्र की सत्यप्रति से दर्शित होता है.

उपरोक्त भूमि को आरोपी विजयधर पटेल द्वारा अन्य महिला उमादेवी पटेल को राजस्व अभिलेखों पर उसका नाम दर्ज होने के आधार पर दिनांक 14 मार्च 2022 को पंजीकृत विक्रय पत्र के माध्यम से क्रय करना बताया गया है, जो तथ्य कथित विक्रय पत्र की प्रस्तुत सत्यप्रति से दर्शित होता है.

इस प्रकार प्रथम दृष्टया दर्शित होता है कि, आरोपी द्वारा एक ही भूमि को दो बार विक्रय किया है. मामले में थाना प्रभारी पिथौरा को आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों को प्रेषित करते हुये यह निर्देश जारी किया कि उक्त घटना के संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय मे पेश करे.


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