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ऑपरेशन सिंदूर पर राजनीति तेज, लोकसभा में आज भी जारी रहेगी विशेष चर्चा

लोकसभा में आज फिर ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा जारी रहेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक अभियान पर कल चर्चा आरंभ की। चर्चा में भाग लेते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई, सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए नई शुरुआत का संकेत है।

लोकसभा में आज फिर ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा जारी रहेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक अभियान पर कल चर्चा आरंभ की। चर्चा में भाग लेते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई, सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए नई शुरुआत का संकेत है। उन्होंने पांच बिन्दुओं पर आधारित दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए कहा कि यह भारत के इस रवैये को परिभाषित करता है कि आतंकियों को छद्म रूप में नहीं देखा जाएगा। सीमापार आतंकवाद को अब समुचित कार्रवाई का सामना करना होगा, आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। बातचीत अब केवल आतंकवाद पर ही होगी। भारत परमाणु धमकी सहन नहीं करेगा और अच्छे पड़ोसी संबंध आतंकवाद के साथ नहीं फल-फूल सकते।

डॉक्टर जयशंकर ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान से सीमापार से आतंकवाद के निरन्तर खतरे से निपटने के नए चरण की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कई दंडात्मक कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलम्बित करना शामिल हैं। श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते।

विदेश मंत्री ने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की बाहरी मध्यस्थता का पूरी तरह खंडन किया। उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम में अमरीका की कोई भूमिका नहीं थी। सिंह ने यह भी कहा कि मौजूदा व्यापार वार्ता और सैन्य कार्रवाई के बीच कोई संबंध नहीं है।

डॉक्टर जयशंकर ने पूर्ववर्ती सरकारों के आतंकवाद से निपटने के रवैये और विदेश नीति की आलोचना की। उन्होंने इस संबंध में 26 नवम्बर, 2011 के मुम्बई हमलों का जिक्र किया। विदेश मंत्री ने आतंकवाद से निपटने में राष्ट्रीय एकता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विदेशों में भेजे गए विभिन्न राजनीतिक दलों के संसदीय प्रतिनिधिमंडलों की एकजुटता की सराहना की। श्री सिंह ने संसद में भी इसी तरह की एकता बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के जिम्मेदार द रजिस्टेंस फ्रंट को अमरीका ने वैश्विक आतंकी गुट घोषित किया है, जो भारतीय कूटनीति की सफलता है। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से केवल पाकिस्तान और तीन अन्य देशों ने ही ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया।

इससे पहले सदन में चर्चा शुरू करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहलगाम में पर्यटकों पर कायराना हमले के जवाब में भारत ने बिना किसी उकसावे वाली, नपी-तुली और पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को निशाना बनाने की कार्रवाई की। श्री सिंह ने कहा कि इस कार्रवाई में एक सौ से अधिक आतंकी मारे गए और आतंकियों के नौ ठिकाने नष्ट कर दिए गए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों के साहस की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों एस-400 और आकाश मिसाइल से पाकिस्तानी हमले का सामना किया गया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पाकिस्तानी हमले में किसी भी प्रमुख भारतीय संपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ।

सिंह ने कहा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद की नर्सरी बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने भारत को अस्थिर करने के लिए छद्म युद्ध छेड़ रखा है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आतंकवाद से निपटने के लिए किसी भी हद तक जाएगा। विपक्ष की आलोचना करते हुए श्री सिंह ने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्य पूछ रहे हैं कि भारत के कितने विमान मार गिराए गए जो सच्ची राष्ट्रीय भावनाओं के विपरीत हैं।

चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के दोषियों को पकड़ने में नाकाम रही है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष विराम की घोषणा पर भी सरकार पर सवाल उठाए। श्री गोगोई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठन ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी है जो भारतीय कूटनीति की विफलता को दर्शाता है। समाजवादी पार्टी के रमाशंकर राजभर ने भी कांग्रेसी सांसद के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के लिए ज़िम्मेदार आतंकवादी अब भी फरार हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर भी सवाल उठाए।

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने सशस्त्र बलों की बहादुरी की प्रशंसा न करने पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने भारतीय सेना की क्षमताओं और स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष के नेता राहुल गांधी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन महादेव जारी है और इसमें पहलगाम हमले से जुड़ा आतंकी मारा गया है। लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास की शंभवी ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमला केवल नागरिकों पर ही नहीं, बल्कि समूची मानवता पर आक्रमण था।

तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी, तेलुगु देशम पार्टी के लवु श्रीकृष्णा, वाई.एस.आर.सी.पी. के अविनाश रेड्डी, कांग्रेस के दीपेन्दर सिंह हुड्डा, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद, भाजपा के तेजस्वी सूर्या, एन.सी.पी. शरद पवार की सुप्रिया सुले, भाजपा के अनुराग ठाकुर, मॉर्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एस वेंकटेसन, जनता दल यूनाईटेड के दिलेश्वर कामैत, ए.आई.एम.आई.एम. के असद्दुीन औवैसी, आज़ाद समाज पार्टी-कांशीराम के चंद्रशेखर, भाजपा के दिलीप सैकिया और कमलजीत सहरावत, जेडी-यू की लवली आनंद सहित अन्य सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया।


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