
मुंशी प्रेमचंद जी हिंदी साहित्य के अमिट हस्ताक्षर हैं : प्रो. अनुसुइया
जिले के एकमात्र अंग्रेजी माध्यम कॉलेज स्वामी आत्मानंद शासकीय आदर्श महाविद्यालय महासमुंद में हिंदी के महान उपन्यासकार और कहानीकार मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती के अवसर पर साहित्यिक कार्यक्रम व प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे की पूजन वंदन से की गई ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनुसूइया अग्रवाल (डी. लिट्.) ने मुंशी प्रेमचंद जी के साहित्यिक योगदान और सामाजिक सरोकारों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा मुंशी प्रेमचंद जी हिंदी साहित्य के अमिट हस्ताक्षर हैं जिन्होंने भारतीय समाज की सच्चाइयों को बिना लाग-लपेटे के प्रस्तुत कर साहित्य को आमजन की आवाज बना दिया । उन्होंने प्रेमचंद जी के यथार्थवादी लेखन, किसान और मजदूर वर्ग की पीड़ा को उजागर करने की क्षमता और नारी विषयक दृष्टिकोण की विशेष सराहाना की।
इसके उपरांत महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रतिमा चंद्राकर (हिंदी) व कार्यक्रम के प्रभारी ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके प्रारंभिक जीवन, लेखन यात्रा और सामाजिक संघर्षों का परिचय दिया। उन्होंने प्रेमचंद की प्रमुख रचनाओं जैसे गोदान, कफन, ईदगाह, गबन आदि का संक्षिप्त वर्णन करते हुए उनकी आज की प्रासंगिकता पर भी चर्चा की । तत्पश्चात महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय के सहायक प्रा. तरुण कुमार बांधे ने प्रेमचंद जी के शब्दों को उद्धरित करते हुए कहा कि साहित्य का काम केवल मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में चेतना लाना भी है और प्रेमचंद इस कार्य में पूरी तरह सफल रहे।
अतिथि व्याख्याता आलोक हिरवानी कंप्यूटर साइंस ने कहा कि प्रेमचंद वह लेखक हैं जिन्होंने साहित्य को महलों से निकलकर झोपड़ियां तक पहुंचाया। वे जन-जन की पीड़ा संघर्ष और भावनाओं के सच्चे चित्रकार थे। इस अवसर पर छात्रों की साहित्यिक जानकारी को और प्रोत्साहित करने हेतु प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसका संचालन समाजशास्त्र के अतिथि व्याख्याता डॉ. ग्लैडिस एस. मैथ्यू के द्वारा किया गया। प्रश्नोत्तरी में मुंशी प्रेमचंद के जीवन, रचनाएं एवं उनके सामाजिक दृष्टिकोण से जुड़े सवालों को सम्मिलित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने उत्साह पूर्वक और बड़ी संख्या में भाग लिया। भाग लेने वाले प्रतिभागी छात्रों के नाम हैं - प्रीति, पल्लव, तनुश्री, ताजवार, अक्षत, भूपेंद्र, हिमांशु, आर्ची, वसुंधरा, युक्ति, आयेशा, नीतू, गोविंद, छाया मुख्य रूप से रहें।
यह प्रतियोगिता न केवल शिक्षाप्रद रही बल्कि विद्यार्थियों के भीतर साहित्य के प्रति जिज्ञासा और सम्मान भी बढ़ाने में सफल रही। प्रश्नोत्तरी कार्य में महाविद्यालय के अतिथि व्याख्याता हरिशंकर नाथ, चित्रेश बरेठ एवं माधुरी दीवान ने विशेष सहयोग किया। कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक रवि देवांगन अर्थशास्त्र के आभार प्रदर्शन के पश्चात किया गया ।
इस दौरान महाविद्यालय के अतिथि व्याख्याता मुकेश सिन्हा कंप्यूटर एप्लीकेशन, संजय कुमार अंग्रेजी, खुशबू ग्रंथपाल, शेषनारायण साहू लैब टेक्नीशियन, जगतारण बघेल लैब टेक्नीशियन एवं नानक साहू कंप्यूटर ऑपरेटर समेत सभी छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि अर्पित करना ही नहीं बल्कि नई पीढ़ी को प्रेमचंद जी के विचारों मूल्यों और साहित्यिक दृष्टिकोण से परिचय कराना था।