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रिकॉर्ड उत्पादन और कम लागत के दम पर वेदांता का मुनाफा 13% बढ़कर 5,000 करोड़ रुपए हुआ

अब तक का सर्वाधिक पहली तिमाही एबिट्डा, जो कि 10,746 करोड़ रुपए रहा

13 तिमाही में उच्चतम एबिट्डा मार्जिन, जो साल-दर-साल 35% रहा, जिसमें 81 बीपीएस (बेसिस पॉइंट) का सुधार हुआ।

प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (प्री-वन-ऑफ्स) साल-दर-साल 13% बढ़कर 5,000 करोड़ रुपए; रिपोर्टेड कर-पश्चात लाभ(पीएटी) 4,457 करोड़ रुपए रहा 

क्रिसिल और इक्रा द्वारा क्रेडिट रेटिंग की एए पर पुनः पुष्टि की गई

नियोजित पूंजी पर प्रतिफल 25% रहा, जो साल-दर-साल 81 बीपीएस से बेहतर रहा

नकदी और नकद समतुल्य 22,137 करोड़ रुपए के साथ तरलता में तिमाही-दर-तिमाही 7% और 33% साल-दर-साल सुधार हुआ

950 मेगावाट व्यापारिक विद्युत क्षमता चालू की गई, जिससे कुल व्यापारिक विद्युत उत्पादन क्षमता 3.83 गीगावाट हो गई

7 रुपए प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश दिया गया

एल्युमिना उत्पादन साल-दर-साल 9% बढ़ा, जिंक इंटरनेशनल उत्पादन साल-दर-साल 50% बढ़ा, जिंक इंडिया ने पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक खनन धातु उत्पादन दर्ज किया, फेरोक्रोम अयस्क उत्पादन साल-दर-साल 35% बढ़ा और कॉपर कैथोड उत्पादन साल-दर-साल 119% बढ़ा

रायपुर, अगस्त, 2025: वेदांता लिमिटेड (बीएसई: 500295 और एनएसई: वीईडीएल) ने आज 30 जून, 2025 को समाप्त पहली तिमाही के लिए अपने अनऑडिटेड कंसोलिडेटेड रिज़ल्ट्स की घोषणा की। वेदांता ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन किया, जहाँ शुद्ध लाभ साल-दर-साल 13% बढ़कर 5,000 रुपए करोड़ रहा।

कंपनी ने 10,746 करोड़ रुपए का अब तक का सर्वोच्च पहली तिमाही का एबिट्डा दर्ज किया, जो वार्षिक आधार पर 5% की वृद्धि दर्शाता है। वेदांता का एबिट्डा मार्जिन** 81 बीपीएस बढ़कर सालाना आधार पर 35% हो गया, जो पिछली 13 तिमाहियों में सबसे अधिक है। पहली तिमाही के लिए कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 6% बढ़कर 37,434 करोड़ रुपए रहा।

वेदांता की लिक्विडिटी तिमाही-दर-तिमाही 7% और साल-दर-साल 33% बेहतर हुई, कैश और कैश इक्विवेलेंट 22,137 करोड़ रुपए पर पहुँच गया। कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉईड (आरओसीई) सालाना आधार पर 87 बीपीएस बढ़कर 25% हो गया। वेदांता की क्रेडिट रेटिंग को क्रिसिल और आईसीआरए दोनों ने एए स्तर पर पुनः पुष्टि की है।
कंपनी ने 587 किलोटन पर रिकॉर्ड तिमाही एल्यूमिना उत्पादन दर्ज किया, जो 9% की वृद्धि दर्शाता है | पिछले 16 तिमाहियों में सबसे कम हॉट मेटल लागत (एल्यूमिना को छोड़कर) 888 डॉलर/टन रही; कुल एल्यूमिना उत्पादन लागत तिमाही दर तिमाही 12% कम रही। भारत में वेदांता के जिंक परिचालन ने पहली तिमाही में अब तक का सर्वाधिक खनन धातु उत्पादन 265 किलोटन और पहली तिमाही में अब तक का सबसे कम जिंक उत्पादन लागत यूएस डॉलर1,010 प्रति टन हासिल किया। कंपनी के अंतर्राष्ट्रीय जिंक परिचालन में खनन धातु उत्पादन में 50% सालाना वृद्धि देखी गई। कंपनी ने 950 मेगावाट की मर्चेंट पावर क्षमता शुरू की, जिसमें एथेना पॉवर प्लांट (यूनिट 1 - 600 मेगावाट) जुलाई 2025 में चालू हुआ और मीनाक्षी पॉवर प्लांट यूनिट 3 (350 मेगावाट) को जुलाई 2025 में सीओडी प्राप्त हुआ।

*मुख्य एकमुश्त मदों के लिए समायोजित शुद्ध लाभ (पीएटी): केयर्न ओएएलपी अन्वेषण लागत को वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही और वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में (कर के बाद शुद्ध रूप से) हटाया गया है, और एएसआई में अप्रयुक्त कर हानियों पर डीटीए को वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में शामिल किया गया है।


एबिट्डा मार्जिन (कॉपर व्यवसाय को छोड़कर) वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के नतीजों पर वेदांता के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल ने कहा, "हमारी पहली तिमाही के प्रदर्शन ने आने वाले वर्ष के लिए एक मजबूत नींव रखी है। वैश्विक बाजार की अस्थिरता के बीच, हमने अब तक का सबसे उच्चतम पहला तिमाही एबिट्डा दर्ज किया। संचालन के लिहाज़ से, हमने पिछले 16 तिमाहियों में सबसे कम हॉट मेटल लागत (एल्युमिना को छोड़कर) हासिल की, और पहली तिमाही में अब तक की सबसे कम ज़िंक इंडिया कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन (सीओपी) हासिल की, गम्सबर्ग में 74% साल-दर-साल उत्पादन वृद्धि, पावर सेल्स में 33% तिमाही-दर-तिमाही उछाल, और फेरो क्रोम वॉल्यूम में 150% तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि हासिल की। लांजीगढ़ रिफाइनरी का 587 किलोटन तक रैम्प-अप होना इस ओर संकेत करता है कि हम वित्त वर्ष 26 में 3 मिलियन टन से अधिक एल्युमिना उत्पादन के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। आगे देखते हुए, दूसरी तिमाही में लांजीगढ़ में ट्रेन-II का कमीशनिंग, बालको में 435 किलोटन स्मेल्टर क्षमता और 1,300 मेगावाट की नई थर्मल पॉवर क्षमता का परिचालन शुरू होना, हमें पूरे वित्त वर्ष की गाईडंस को हासिल करने में सक्षम बनाएगा। दुसरे अर्धवर्ष में हमारे सिजीमाली बॉक्साइट खदान और कुरालोई कोल माइन का संचालन शुरू होने से हमारे प्रदर्शन में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि की उम्मीद है।”

वेदांता के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) श्री अजय गोयल ने कहा, “इस तिमाही में हमने 10,746 करोड़ रुपए का अब तक का सबसे उच्चतम पहला तिमाही एबिट्डा हासिल किया, जो 5% साल-दर-साल वृद्धि को दर्शाता है। एबिट्डा मार्जिन 81 बीपीएस बढ़कर 35% हो गया, जो पिछली 13 तिमाहियों में सबसे अधिक है। हमारा समायोजित शुद्ध लाभ लगभग 5,000 करोड़ रुपए तक पहुँचा, जो 13% सालाना वृद्धि को दर्शाता है। यह मजबूत प्रदर्शन, साथ ही एचजेडएल हिस्सेदारी बिक्री जैसे कॉर्पोरेट उपक्रम, जिससे 3,028 करोड़ रुपए नकद प्राप्त हुआ, ने वेदांता को नेट डेट-टू-एबिट्डा अनुपात 1.3 गुना पर लाने में मदद की। 5,000 करोड़ रुपए के एनसीडी (नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर) इश्यू और अन्य रिफाइनेंसिंग के चलते, हमारे ऋण की लागत में लगभग 130 बीपीएस की सालाना गिरावट आई है, और यह अब 9.2% है। हाल ही में क्रिसिल और आईसीआरए द्वारा हमारे क्रेडिट रेटिंग की एए स्तर पर पुनः पुष्टि की गई है, जो वेदांता की वित्तीय मजबूती और हमारे विकास पथ में बाज़ार के विश्वास को दर्शाता है।”

वित्त वर्ष 25 के मुख्य ईएसजी बिंदु ईएसजी नेतृत्व: वेदांता समूह ने एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक 2025 में शानदार प्रदर्शन किया है। हिंदुस्तान जिंक को ईएसजी प्रदर्शन के लिए वैश्विक स्तर पर शीर्ष 1% में स्थान मिला है, और वेदांता लिमिटेड और वेदांता एल्युमीनियम को सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक सदस्यों के रूप में मान्यता मिली है, जो समूह की ज़िम्मेदार और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

नवीकरणीय ऊर्जा (आरई): 1906 मेगावाट स्थापित क्षमता के नवीकरणीय ऊर्जा वितरण समझौते (पीडीए) लागू हैं। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 25 में नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 0.84 बिलियन यूनिट रहा।

जेंडर डाइवर्सिटी: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 22% रही, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही की तुलना में 20% अधिक है।

अपशिष्ट उपयोग: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एचवीएलटी अपशिष्ट उपयोग 72% रहा।

जल पुनर्चक्रण: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 48%।

वृक्षारोपण: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 5 लाख से ज़्यादा पेड़ लगाए गए, जिससे कुल पेड़ों की संख्या 35 लाख हो गई। अब हम वित्त वर्ष 2030 के 70 लाख पेड़ों के अपने 

लक्ष्य के 50% करीब पहुँच चुके हैं।

महिला एवं बाल कल्याण: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक, महिला एवं बाल कल्याण के लिए 8,600 से ज़्यादा नंदघर बनाए गए, 3.4 लाख से ज़्यादा बच्चे प्रभावित हुए, 2.5 लाख से ज़्यादा महिलाएँ लाभान्वित हुईं।

कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) योगदान: समुदायों के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहलों पर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 98 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे लगभग 20.4 लाख लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से लाभ पहुँचा।


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