
ग्राम पंचायतों की विशेष ग्राम सभा में होगा मनरेगा एवं पीएम आवास योजना के कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण
पारदर्शिता और जनहितकारी योजनाओं में जवाबदेही तय करने के उद्देश्य से कोरिया जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों का सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) किया जा रहा है। कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देश पर 4 अगस्त से सोनहत और बैकुण्ठपुर विकासखंड की आठ-आठ ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सोशल ऑडिट टीमों का गठन कर उन्हें नियत तिथि पर संबंधित पंचायतों में पहुंचकर कार्यों की जांच करने और तत्पश्चात ग्राम सभाओं का आयोजन कर ऑडिट रिपोर्ट पर चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं। जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को समस्त आवश्यक दस्तावेज सौंपने, स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त करने तथा तकनीकी सहायकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सामाजिक अंकेक्षण के लिए मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 तक तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक के सभी स्वीकृत हितग्राहियों के कार्यों को सम्मिलित किया गया है।
सोनहत व बैकुंठपुर जनपद पंचायत में सोशल ऑडिट कार्यक्रम
एक टीम द्वारा ग्राम पंचायत चंदहा, दामुज, कटगोड़ी एवं चकडांड में चार से पांच दिन का सोशल ऑडिट कार्य किया जाएगा, जिसके बाद विशेष ग्राम सभाएं आयोजित होंगी।
दूसरी टीम बंशीपुर, सुंदरपुर, कुशहा एवं बोड़ार पंचायतों में सोशल ऑडिट कर ग्राम सभाओं का आयोजन करेगी। इसी तरह बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत में सोशल ऑडिट कार्यक्रम के तहत पहली टीम फूलपुर, जमगहना, गदबदी एवं बड़गांव में चार-चार दिनों तक ऑडिट कार्य कर ग्राम सभाएं आयोजित करेगी। दूसरी टीम रटगा, डोहड़ा, रनई एवं डुमरिया ग्राम पंचायतों में ऑडिट प्रक्रिया संपन्न कर विशेष ग्राम सभाएं आयोजित करेगी।
ऑडिट टीम द्वारा मनरेगा में किए गए कार्यों के तहत वर्क फाइल, मस्टर रोल, माप पुस्तिका, प्रशासकीय स्वीकृति, वेज लिस्ट, एफटीओ लिस्ट, बिल-बाउचर सहित सभी आवश्यक दस्तावेजों की सार्वजनिक जांच की जाएगी। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पात्रता सूची, प्रशासकीय स्वीकृति, भुगतान रजिस्टर आदि दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी।
कलेक्टर त्रिपाठी ने निर्देशित किया है कि सोशल ऑडिट की इस प्रक्रिया को गंभीरता से संपन्न किया जाए ताकि ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहे तथा हितग्राहियों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।