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फसल बीमा योजना लागू न होने से संकट में किसान

बाढ़ और भारी बारिश की मार झेल रहा पंजाब

पंजाब इन दिनों बाढ़ और भारी बारिश की मार झेल रहा है, जिससे पूरे राज्य में व्यापक नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा असर कृषि क्षेत्र पर पड़ा है। राज्य की प्रमुख फसलें- धान, कपास, गन्ना, मक्का, सब्जियां और दालें- जलभराव और अत्यधिक नमी के कारण बर्बाद हो रही हैं।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) अभी तक पंजाब में लागू नहीं की गई है। वर्ष 2016 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है, लेकिन कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद पंजाब इसके दायरे से बाहर है।

बाढ़ का सबसे ज्यादा असर धान की फसल पर पड़ा है, जो पानी में डूबने से बर्बाद हो रही है। दक्षिणी मालवा बेल्ट की कपास की फसल भी अधिक नमी के कारण नष्ट हो रही है, जबकि निचले और वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में गन्ना, मक्का, दालें और सब्जियां संकट में हैं।

भगवंत मान सरकार ने वर्ष 2022 में राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन 2023 में इस फैसले को वापस ले लिया गया। इसका सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है, खासकर छोटे और सीमांत किसानों को, जो अब किसी भी प्रकार की बीमा सुरक्षा से वंचित हैं।

केंद्र सरकार ने पंजाब से बार-बार अपील की है कि वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अपनाए। केंद्र ने 2026-29 की टेंडर साइकिल से योजना लागू करने के लिए पूर्ण वित्तीय और तकनीकी सहयोग देने का आश्वासन भी दिया है। हालांकि इसके लिए पंजाब सरकार को पहले एक नीतिगत निर्णय लेना होगा और योजना के कार्यान्वयन के लिए बजटीय आवंटन सुनिश्चित करना होगा।


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