
महासमुंद : रजत जयंती वर्ष 2025-26 के अंतर्गत जिला स्तरीय किसान मेला में कृषी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के छात्र छात्राओं ने भाग लिया
रजत जयंती वर्ष 2025-26 के अवसर पर एक्सटेंशन रिफॉर्म्स (आत्मा) योजनांतर्गत एक दिवसीय जिला स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया। यह मेला डॉ. भीमराव अम्बेडकर सर्व समाज मांगलिक भवन, संजय कानन के पास, बागबाहरा रोड, महासमुंद में संपन्न हुआ। इस किसान मेले में जिले के प्रगतिशील कृषकों, कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र महासमुंद के RAWE READY Programme के चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राओं ने भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लिया। डॉ. मुकेश कुमार सेठ एवं डॉ. ओकेश चन्द्राकर के मार्गदर्शन में छात्रों ने विभिन्न कृषि विषयों पर अपने ज्ञान एवं कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने विशेष रूप से मशरूम उत्पादन तकनीक (Mushroom Production Techniques), जैविक खेती उत्पाद (Organic Farming Products), तथा कटिंग एवं ग्राफ्टिंग द्वारा संकर पौधों (Hybrid Plants) जैसे कटहल (Jackfruit), आम (Mango), नींबू वर्गीय पौधे (Citrus) आदि के प्रचार-प्रसार का प्रदर्शन किया। साथ ही, छात्रों ने जीवामृत (Jeevamrit), बीजामृत (Beejamrit), अग्न्यास्त्र, नीमास्त्र, एवं अन्य जैविक पौध संरक्षण रसायनों (Organic Plant Protection Chemicals) की तैयारी एवं उपयोग की तकनीक का भी प्रदर्शन किया, जिससे किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरणा मिली।
कार्यक्रम में महासमुंद की सांसद (MP) रूपकुमारी चौधरी, विधायक (MLA) योगेश्वर राजू सिन्हा, जिला पंचायत सदस्य जुगनू चन्द्राकर, KVK महासमुंद के प्रमुख, उप संचालक कृषि (DDA) महासमुंद, तथा अन्य गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।सभी अतिथियों ने कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र , महासमुंद के छात्रों एवं प्राध्यापको के उत्कृष्ट कार्य, नवाचारपूर्ण प्रदर्शनों और जनजागरण प्रयासों की सराहना की तथा इसे जिले के किसानों के लिए प्रेरणादायक और उपयोगी उदाहरण बताया। मेले में विभिन्न विभागों एवं कृषि संस्थानों के प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए, जहाँ आधुनिक कृषि यंत्र, उन्नत बीज, उर्वरक एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों को सम्मानित भी किया गया। कृषि विभाग महासमुंद ने सभी कृषकों से इस प्रकार के आयोजनों में अधिक से अधिक भागीदारी करने का आग्रह किया, जिससे कृषि के क्षेत्र में नवीन एवं जैविक तकनीकों का प्रसार, किसानों की आय में वृद्धि, तथा सतत कृषि विकास को बढ़ावा मिल सके।