
महासमुंद कलेक्टर लंगेह ने की कृषि विभाग के मैदानी अमलों की समीक्षा
रबी फसलों में विविधता बढ़ाने एवं कम पानी वाली फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश
कलेक्टर विनय लंगेह की अध्यक्षता में आज शाम 4.00 बजे जिला पंचायत महासमुंद के सभागार में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के मैदानी अमलों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में आगामी रबी वर्ष 2025-26 की कृषि गतिविधियों, योजनाओं की प्रगति एवं फसल विविधीकरण पर विस्तृत चर्चा की गई।
कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि इस वर्ष रबी सीजन में धान फसल को हतोत्साहित करते हुए कम पानी वाली फसलों को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए किसानों को प्रेरित करने हेतु तुलनात्मक आर्थिक गणना पर आधारित ऑडियो-वीडियो एवं प्रचार सामग्री तैयार करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर अन्य फसलों की खेती को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऐसे किसानों को अल्पकालीन ऋण सुविधा प्रदान करने हेतु जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित महासमुंद के नोडल अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने निर्देशित किया गया है।
10 हजार हेक्टेयर में वैकल्पिक फसल का लक्ष्य
रबी वर्ष 2025-26 में धान के रकबे को कम करते हुए अनाज, लघुधान्य, दलहन एवं तिलहनी फसलों के क्षेत्रफल में वृद्धि करने की रणनीति बनाई गई है। जिले में रागी, गेहूं, मक्का, चना, मूंग, उड़द, मटर, तिवड़ा, सरसों एवं मूंगफली जैसी फसलों के लिए 10 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
साथ ही सभी विकासखंडों के अमलों को निर्देशित किया गया है कि वे 24 अक्टूबर 2025 तक संशोधित रकबे के अनुसार बीज की मांग उप संचालक कृषि कार्यालय को प्रस्तुत करें, ताकि संबंधित बीज प्रक्रिया केन्द्रों को संशोधित मांग भेजी जा सके।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा
बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लंबित ई-केवाईसी, आधार सीडिंग, एवं भूमि सीडिंग के प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए गए। साथ ही सभी पात्र किसानों का एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया।
कलेक्टर लंगेह ने यह भी निर्देशित किया कि कृषि विभाग की समीक्षा बैठक अब पाक्षिक रूप से आयोजित की जाएगी, जिसमें योजनाओं की प्रगति का नियमित मूल्यांकन किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि जिले में एडिबल ऑयल योजना के तहत पाम ऑयल एवं तिलहन की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए तथा इसके प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग को विशेष निर्देश दिए।
बैठक में उप संचालक कृषि एफ.आर. कश्यप,भूमि संरक्षण अधिकारी घोड़ेसवार, विकासखंड स्तरीय कृषि अधिकारी एवं मैदानी अमले उपस्थित रहे।