CG : राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को भत्ता दे रही है या नहीं ? सदन में जमकर बवाल, कांग्रेस विधायकों ने किया वॉकआउट
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के सत्र के दौरान बेरोजगारी भत्ता को लेकर सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने सरकार से सीधा सवाल पूछा कि क्या राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को भत्ता दे रही है या नहीं। उनके इस सवाल के बाद सदन में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।
उमेश पटेल ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा रोजगार की तलाश में हैं, लेकिन सरकार द्वारा घोषित बेरोजगारी भत्ता उन्हें नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं से किए गए वादों से पीछे हट रही है। पटेल ने यह भी कहा कि यदि सरकार वास्तव में युवाओं के हित में काम कर रही है, तो उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि बेरोजगारी भत्ता किस स्थिति में है और कितने युवाओं को इसका लाभ दिया जा रहा है।
इस पर जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य युवाओं को भत्ता देना नहीं, बल्कि उन्हें स्थायी रोजगार से जोड़ना है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने वाली सरकार बना रही है। हम ऐसे प्रयास कर रहे हैं, जिससे युवाओं को काम मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें।” मंत्री ने दावा किया कि सरकार विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा कर रही है।
मंत्री के इस जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि पिछले सत्र में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि बेरोजगारी भत्ता योजना चालू है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब योजना प्रारंभ है, तो फिर बेरोजगार युवाओं को भत्ता क्यों नहीं दिया जा रहा। भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि योजना केवल कागजों में है या वास्तव में लागू भी हो रही है।
भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि रोजगार देना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन जब तक सभी युवाओं को रोजगार नहीं मिल जाता, तब तक बेरोजगारी भत्ता एक सहारा होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रोजगार और भत्ता - दोनों ही मोर्चों पर युवाओं को निराश कर रही है।
इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच युवाओं को रोजगार देने और बेरोजगारी भत्ता देने के मुद्दे पर तीखी बहस शुरू हो गई। दोनों पक्षों के विधायकों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। बहस के दौरान सदन में नारेबाजी शुरू हो गई और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कुछ समय के लिए कार्यवाही बाधित होती नजर आई। विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए और बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय की मांग की। वहीं विभागीय मंत्री बेरोजगारी भत्ता पर कोई जवाब नहीं दे पाए। इस पर विपक्ष ने मंत्री पर सवालों की झड़ी लगा दी परन्तु मंत्री जवाब नहीं दे पाए। इससे नाराज होकर सभी कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर दिया।