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बायोगैस संयत्र लगवाकर बिमल सिंह, रसोई गैस और उच्च गुणवत्ता की खाद का ले रहे हैं दोहरा लाभ

स्वच्छ भारत मिशन की गोबरधन योजना के तहत मरवाही विकासखंड के ग्राम अमेराटिकरा निवासी बिमल सिह अपने घर में दीनबंधु मॉडल के दो घन मीटर क्षमता की घरेलू बायोगैस संयंत्र लगवाकर रसोई गैस और उच्च गुणवत्ता की खाद का दोहरा लाभ ले रहे हैं।

बिमल सिंह ने क्रेडा विभाग के जिला अधिकारी के सहयोग से बायोगैस लगवाया है। बायोगैस के अनेक फायदे हैं। बायोगैस संयंत्र मूल रूप से मीथेन गैस का उत्पादन करता है। इससे महिलाओं को धुंआ रहित ईधन मिलता है और उनके स्वास्थ्य पर धुंवे का दूष्प्रभाव नहीं पड़ता है। बायोगैस संयंत्र में मूल रूप से गोबर का उपयोग किया जाता है। इससे लकड़ी की बचत होती है। बायोगैस से उच्च गुणवत्ता वाली खाद का उत्पादन होता है जिससे कृषि उत्पादन में बढोतरी होने के साथ ही बायोगैस खाद से मिट्टी के भौतिक गुणों में अभिवृद्धि होती है। बायो खाद से खरपतवार की रोकथाम, फसलो पर होने वाले कीड़ों की रोकथाम एवं महंगी रासायनिक उर्वरक के उपयोग से मुक्ति मिलती है। बायोगैस खाद से भूमि को बंजर होने से भी बचाया जा सकता है। बायोगैस परियोजना स्वच्छ एवं सस्ता ईंधन प्रदान करने ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही है। यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा के संकट की पूर्ति के लिए भी सहायक है।




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