CG : पत्रकार मुकेश चंद्रकार के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, लीवर के हुए टुकड़े, पूरा बॉडी पार्ट चकनाचूर, देखकर डाक्टरों के भी कांप गए रूह
डेस्क। टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की पीएम रिपोर्ट रूह कंपाने वाली है। शार्ट पीएम रिपोर्ट में जो खुलासे हुए हैं, वो ना सिर्फ हत्यारों की बेदर्दी को बयां करते हैं, बल्कि वो उन खूंखार मंसूबों को भी बेनकाब करते हैं, जो पत्रकारिता का मुंह बंद करने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम रिपोर्ट की जानकारी के मुताबिक मौत के बाद भी हत्यारों ने रॉड से मुकेश चंद्राकर के शरीर पर वार जारी रखा। हालांकि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं कि पहला वार पीछे से सर के नीचे गर्दन पर हुआ है। जिसके बाद वो नीचे गिरा और फिर उठ नहीं पाया।
डाक्टरों के भी रूह कांप गये
पत्रकार मुकेश के शव का पीएम डॉ राजेन्द्र रॉय और अन्य दो डॉक्टरों ने किया, इसके बाद जो रिपोर्ट उन्होंने तैयार की वो काफी दर्दनाक और चौंकाने वाली है। मुकेश की पीएम रिपोर्ट पढ़कर आपकी भी रूह कांप जाएगी। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुकेश के शरीर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं छूटा जहां हत्यारों ने चोट न पहुंचाई हो। चोटें भी ऐसी थीं कि पीएम करने वाले डॉक्टरों के भी हाथ कांपने लगे। डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने अपने कैरियर में इतनी बुरी स्थिति नहीं देखी।
इतनी बेदर्दी से वारदात पहले कभी नहीं देखी
हत्यारों ने मुकेश के शरीर पर इतने वार किये कि पूरा हिस्सा टूट गया। रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश के के सिर पर 15 फ्रेक्चर पाये गए. हत्यारों ने मुकेश पर इस तरह से वार किए कि उसका लीवर भी चार टुकड़ों में बंट गया। हत्यारों के लगातार वार से मुकेश के शरीर की 5 पसलियां भी टूटी हुई हैं। इतना ही नहीं मुकेश की गर्दन भी तोड़ डाली और मुकेश की एक कॉलर बोन भी टूटी पाई है। साथ ही मुकेश का हार्ट भी इसमें फट गया था। मुकेश के बायें हाथ पर कलाई के पर चोट का निशान हैं। संभवतः उसने बचाव के लिये अपना बायां हाथ आगे किया होगा और इसी से उसे चोट लगी होगी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे
डॉ राजेन्द्र रॉय सहित दो अन्य डॉक्टरों ने मुकेश चंद्राकर का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने स्वीकार किया कि 12 सालों के करियर में ऐसा पहला केस देखा है। डॉ रॉय ने बताया कि शव के पीएम के बाद रिपोर्ट तैयार करने में उनका दिल दहल गया। शव का पीएम करने वाले डॉ राजेन्द्र रॉय ने बताया कि वे बस्तर में 12 सालों से सेवाएं दे रहे हैं और शवों का पीएम भी करते आ रहे है, लेकिन उन्होंने बीते 12 साल में ऐसा पहला केस देखा, जबकि हत्यारों ने किसी की हत्या इतनी निर्ममता से की हो।