
मनरेगा कार्यों की निगरानी होगी डिजिटल, ईएमबी मॉड्यूल लागू
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत जिले में संचालित निर्माण कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन अब और अधिक पारदर्शी और समयबद्ध होगी। जिला कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देश पर कोरिया जिले में ईएमबी (ई-मेजरमेंट बुक) मॉड्यूल को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
कलेक्टर त्रिपाठी ने सभी एजेंसियों से अपेक्षा की है कि वे इस मॉड्यूल का शत-प्रतिशत पालन करें और निर्धारित समयसीमा में कार्यों का मूल्यांकन एवं सत्यापन कराना सुनिश्चित करें।
इस संबंध में जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि सभी जनपद पंचायतों, निर्माण एजेंसियों, मनरेगा अधिकारियों और तकनीकी टीमों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ईएमबी मॉड्यूल के माध्यम से प्रत्येक मनरेगा कार्य का मूल्यांकन मस्टररोल समाप्ति के 5 दिवस के भीतर तकनीकी सहायक द्वारा किया जाएगा, और अगले 5 दिवस में ऑनलाइन सत्यापन संबंधित इंजीनियर अथवा अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था के तहत कार्यों का मूल्यांकन और सत्यापन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'नरेगा सॉफ्ट' में दर्ज किया जाएगा, जिससे मजदूरों को मस्टररोल समाप्ति के 10 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान किया जा सकेगा।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने यह भी बताया कि ईएमबी मॉड्यूल का क्रियान्वयन भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 10 मार्च से पूरे प्रदेश में प्रारंभ किया गया है, और अब कोरिया जिले में इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है। इससे ना केवल भुगतान प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी, बल्कि मैदानी स्तर पर कार्य कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।