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बांगाचार में श्रमदान से फिर बनाया गया अस्थाई लकड़ी का पुल

विकासखण्ड दुर्गूकोंदल के ग्राम बांगाचार में आजादी के 74 साल बाद भी गांव के समीप नाला में पुल नहीं बन पाया है, जिससे ग्रामीण नाला पार करने के लिए हर साल अस्थाई रूप से लकड़ी का पुल बनाने को मजबूर है। उसी समस्या को देखते हुए ग्रामीण बरसात से पहले फिर अस्थाई पुल बनाने में जुट गए है, इसमे पूरे ग्राम वासी एकत्र होकर श्रमदान कर अस्थाई रूप से लकड़ी का पुल तैयार किए है।

बांगाचार के सरपंच गुलाब बघेल ने बताया की हमारे गांव समीप नाला में आज तक पुलिया नहीं बन पाया है, जिसके चलते हमें आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पुलिया निर्माण के संबंध में ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणो द्वारा कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है पर शासन प्रशासन समेत जनप्रतिनिधियों द्वारा इस गांव को अनदेखा किया जाता है, जिसकी वजह से हम जान जोखिम में डालकर नाला पार करने में मजबूर हैं। ग्रामीण हर साल की तरह बरसात आने के पहले सभी के सहयोग से श्रमदान करके लकड़ी का अस्थाई पुलिया निर्माण करते हैं, जो कि चार से पांच महीना तक ठीक रहता है, उसके बाद लकड़ी कमजोर एवं वजन गाड़ियों की आवाजाही होने के कारण पुलिया पूरी तरह टूट जाता है। उन्होंने आगे बताया कि इस अस्थाई पुलिया में कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन किस्मत अच्छी है कि किसी की जान नहीं गई है। पिछले साल इंडेन गैस भरी मेटाडोर लकड़ी की पुलिया में बल्ली टूटने की वजह से फंस गई थी, उसके कुछ दिनों बाद जेसीबी मशीन एवं कार वाहन फंसी हुई थी। अगर यह वाहन पुलिया के नीचे गिरते तो जान का खतरा हो सकता था।

ग्रामीणों में राजकुमार बघेल, नंद कुमार धीराजी, राम जैतलाल व मनीराम ने बताया कि चार महीना पहले इस क्षेत्र के विधायक का दौरा कोदापाखा में हुआ था, जिसको हम समस्त ग्रामवासी पुलिया के संबंध में लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत कराए थे, लेकिन जनप्रतिनिधियो द्वारा मात्र आश्वासन ही दिया जाता है, इसी वजह से आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। पुल तैयार करने में सुखदेव, सोनाराम, राजेंद्र, झाडूराम, संतराम, जगत राम, भगत राम, धर्म सिंह, चेनू राम, मेनू राम, चेतराम एवं समस्त ग्राम वासियों का विशेष योगदान रहा।





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