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अपनों ने किया मासूम पर हमला, दुश्मन ने बचाने की कोशिश

बंदरों का सबसे बड़ा दुश्मन कुत्ते को बताया जाता है पर शहर के नया कम्यूनिटी हॉल के सामने यह उल्टा होते नजर आया है. बंदर के झुण्ड ने अपने ही झुण्ड के मासूम बंदर के बच्चे को मारने का प्रयास किया तो इस दौरान कुत्ते ने उसे बचाने का प्रयास किया पर हमले में गम्भीर रूप से घायल हुए बंदर के बच्चे ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया.

शहर में बंदरों का झुण्ड बहूत ज्यादा हिंसक हो चुका है, जो अपने ही झुण्ड के नर बंदरों पर लगातार हमला कर मौत के घायल ऊतार रहा है. नया कम्यूनिटी हॉल के सामने शाम साढ़े 6 बजें बंदरों के झुण्ड ने अपने ही झुण्ड के मासूम बंदर के बच्चे पर अचानक हमला बोल दिया, जो पहले उसके कमर को तोड़ा फिर उसके पीठ को चीरने का प्रयास किया. इस दौरान मौके पर पहुंचे हौसला एक प्रयास संस्था के सदस्य वीरेन्द्र यादव ने पत्थर मारकर भगाने का प्रयास किया तो बंदरों ने उन्हे भी दौड़ाने का प्रयास किया पर घटना स्थल पर पहुंचे बंदरों के सबसे बड़े दुश्मन कहे जाने वाले कुत्ते ने बंदरों के झुण्ड को भगाया और बंदर के बच्चे की सुरक्षा की.


 घटना में बन्दर का बच्चा गम्भीर रूप से घायल हो गया, जिसे हौसला एक प्रयास संस्था के सदस्यों ने तुरन्त ही मरहम पट्टी कर जान बचाने की कोशिश की पर इसी दौरान बंदर के बच्चे ने अपना दम तोड़ दिया.

वन विभाग नहीं हुआ सजक

शहर में बंदरों का आंतक लगातार जारी है, इस दौरान अब तक लगभग 4 से 5 बंदरों का मौत हो चुका है पर वन विभाग बंदरों की इस समस्या का हल निकालने का प्रयास नहीं किया है. वहीं बंदरों को त्वरित उपचार भी नहीं दिला पा रहा है, जिसकी वजह से लगातार बंदरों की मौत हो रही है.




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