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स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय महासमुंद में मनाया गया वीर बाल दिवस

दिनांक 23 दिसंबर 2024 को स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय, महासमुंद के कक्ष क्रमांक 1 में प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अनुसुइया अग्रवाल (डी. लिट्.) के मार्गदर्शन एवं अध्यक्षता में वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में मनप्रीत सिंह, ज्ञानी  गुरुद्वारा महासमुंद सिख समाज के प्रतिनिधि रूप में उपस्थित हुए. प्रतिमा चंद्राकर (व्याख्याता हिंदी) एवं रवि देवांगन( व्याख्याता अर्थशास्त्र) कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

कार्यक्रम का संचालन कर रहे निलेश कुमार तिवारी ने बताया कि 9 जनवरी 2022 को गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश वर्ष के दिन किए गए घोषणा के आधार पर 26 दिसंबर 2023 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा को गोविंद सिंह जी के पुत्रों साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी एवं बाबा फतेह सिंह जी की शहादत की स्मृति को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं संस्थाप्रमुख प्रो. अग्रवाल ने बताया कि वीर बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश की स्वतंत्रता एवं अखंडता में सिख समाज के अभूतपूर्व योगदान को याद रखना है। उन्होंने यह भी कहा कि देशभक्ति और राष्ट्र रक्षा करने के लिए आयु का कम अथवा अधिक होना मायने नहीं रखता अपितु भावना और जज़्बा होना चाहिए। वीर बालकों ने अपनी शहादत देकर यही संदेश हम भारतीयों को दिया है। हम इस दिवस पर सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहबजादों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी शहादत को याद करते हैं।।

मुख्य वक्ता मनप्रीत सिंह जी सिखों के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सिखों के नवें गुरु तेग बहादुर सिंह जी का देश प्रेम की भावना विकसित करने में ऐतिहासिक भूमिका रही, उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब के समय के वृतांतों का सविस्तार वर्णन करते हुए सिख समुदाय का देश प्रेम सामाजिक सद्भाव तथा राष्ट्रीयता की भावना के लिए किए गए संघर्ष की घटनाओं का सविस्तार वर्णन किया.

उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर सिंह के पोते साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी मात्र 9 वर्ष एवं बाबा फतेह सिंह जी मात्र 7 वर्ष की उम्र में वीरता के साथ राष्ट्र भक्ति की प्रेरणा दी थी. और उनकी शहादत के बाद से ही सिख समाज में 11वीं गुरु के रूप में गुरु ग्रंथ साहिब को मान्यता प्रदान की गई. अपनी व्याख्यान के उपरांत श्री मनप्रीत सिंह जी ने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए उनके प्रश्नों का समाधान किया एवं उनसे सीधे प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जानकारी भी साझा किया.

उक्त कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय महासमुंद के समस्त स्टाफ तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे. कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें प्रतिभागियों के रूप में जिज्ञासा शर्मा (बीए द्वितीय वर्ष), दिव्या गंदेचा (बीए द्वितीय वर्ष), सीमा साहू( बीकॉम द्वितीय वर्ष ) एवं शिवानी दवे (बीए प्रथम सेमेस्टर) ने अपने भाषण को प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रतिमा चंद्राकर सहायक प्राध्यापक हिंदी द्वारा किया गया.

कार्यक्रम में रवि देवांगन (सहायक प्राध्यापक -अर्थशास्त्र), तरुण कुमार बांधे ( सहायक प्राध्यापक- वाणिज्य), मुकेश कुमार सिन्हा (व्याख्याता कंप्यूटर एप्लीकेशन), हरिशंकर नाथ (व्याख्याता -राजनीति शास्त्र), माधुरी दीवान (व्याख्याता -वाणिज्य) श्री चित्रेश बरेठ ( व्याख्याता- रसायन विज्ञान), आलोक त्रिलोक हिरवानी (व्याख्याता - कंप्यूटर विज्ञान), डॉ. ग्लैडिस मैथ्यू (व्याख्याता समाजशास्त्र),  संजय कुमार (व्याख्याता अंग्रेजी), तथा  शेषनारायण साहू (प्रयोगशाला तकनीशियन) आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु महाविद्यालय के कर्मचारी  कौशल साहू ने सक्रिय भूमिका निभाई ।


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