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IMD अलर्ट : इन जिलों में तेज आंधी व भारी बारिश की संभावना

बिहार में भीषण गर्मी और लू से बेहाल जनता के लिए अब राहत की खबर है. लेकिन इसके साथ ही एक नई चुनौती भी सामने आ रही है. मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने 26 अप्रैल की रात से मौसम के पूरी तरह बदलने के संकेत दिए हैं. जहां तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया था, वहीं अब राज्य के अधिकांश जिलों में तेज आंधी, भारी बारिश और ठनका गिरने की संभावना जताई गई है. इसके मद्देनजर मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण के कारण प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. यह मौसमी प्रणाली 30 अप्रैल तक सक्रिय रहेगी. इस दौरान प्रदेश के उत्तर-पश्चिम से लेकर दक्षिण-पूर्व तक के जिलों में मेघगर्जन, वज्रपात, हल्की से मध्यम बारिश (10-50 मिमी), ओलावृष्टि और 60-70 किमी/घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं की संभावना जताई गई है.


किसे सतर्क रहने की जरूरत?

आज यानी 26 अप्रैल को गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, गया, औरंगाबाद, पटना, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, शेखपुरा, नवादा, जमुई, मुंगेर और बांका सहित कई जिलों में गर्मी चरम पर है. इन क्षेत्रों में लू का असर बना रहेगा और उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर सकती है. वहीं, पूर्वी बिहार के जिलों मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, अररिया आदि में तेज आंधी और वज्रपात की अधिक संभावना है.


तापमान ने तोड़े पसीने छुड़ाने वाले सारे रिकॉर्ड

25 अप्रैल को गया और डेहरी के लोगों ने सबसे ज्यादा गर्मी झेली है. जहां का अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. शेखपुरा, औरंगाबाद, बक्सर, पटना, वाल्मीकि नगर, मोतिहारी और खगड़िया जैसे जिलों में भी तापमान 41 डिग्री से ऊपर रहा.


क्यों बदल रहा है मौसम?

मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के ऊपर मौजूद दो सक्रिय चक्रवातों के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत के ऊपर मौजूद सिस्टम के कारण पूरे बिहार में पूर्वी हवाओं का प्रभाव बढ़ा है. नमी की अधिकता के चलते वातावरण में अस्थिरता आई है, जिससे वज्रपात और बारिश की स्थिति बन रही है.


सावधानी जरूरी, मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान घरों में रहें. विशेषकर खेतों, पेड़ों, बिजली के खंभों या खुले मैदानों से दूर रहें. किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे इस दौरान फसलों की कटाई या अन्य गतिविधियों को स्थगित रखें.


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