
PM मोदी ने किया राम सेतु का दर्शन, सोशल मीडिया में शेयर किया वीडियो.
आज रामनवमी के शुभ अवसर पर PM मोदी ने श्रीलंका से लौटते समय अपने विमान से राम सेतु के दर्शन किए. इस बात की जानकारी PM मोदी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी. और वीडियो भी साझा किया.
PM मोदी का श्रीलंका का 3 दिवसीय दौरा रविवार को संपन्न हो गया. कोलंबो से लौटते समय जब प्रधानमंत्री मोदी का विमान रामेश्वरम में समुद्र के ऊपर उड़ान भर रहा था, उसी दौरान उन्होंने विमान में बैठे-बैठे "श्री रामसेतु" का दर्शन किया. रामनवमी के दिन "श्री रामसेतु" का उड़ते विमान से दर्शन करना का यह वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर शेयर किया है.
PM मोदी ने वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, "कुछ समय पहले श्रीलंका से लौटते समय मुझे राम सेतु के दर्शन करने का सौभाग्य मिला और एक दिव्य संयोग की बात है कि यह उसी समय हुआ, जब अयोध्या में श्रीरामलला का सूर्य तिलक हो रहा था. दोनों के दर्शन करके धन्य हो गया. प्रभु श्री राम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं. उनकी कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे."
PM मोदी ने अपने श्रीलंका दौरे के दौरान 7 बड़े समझौते किए. इसमें रक्षा, ऊर्जा, सैन्य सहयोग, सौर ऊर्जा, रेलवे जैसे तमाम समझौते शामिल हैं. वह थाईलैंड के बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद शुक्रवार को श्रीलंका पहुंचे थे. कोलंबो पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत हुआ. श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान "मित्र विभूषण" से सम्मानित किया.
PM मोदी श्रीलंका की ‘‘अत्यंत सार्थक’’ यात्रा पूरी करने के बाद रविवार को भारत आ गए. इस यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के साथ व्यापक वार्ता की और रक्षा, ऊर्जा व डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मेरी यात्रा के दौरान दिखाई गई गर्मजोशी के लिए मैं राष्ट्रपति दिसानायके, श्रीलंका के लोगों और सरकार का बहुत आभारी हूं. चाहे वह कोलंबो हो या अनुराधापुरा, इस यात्रा ने देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सभ्यतागत संबंधों की पुष्टि की है. यह दौरा निश्चित रूप से हमारे द्विपक्षीय संबंधों को गति देगा.”
PM मोदी के इस दौरे के साथ ही लगभग 35 साल पहले भारत के श्रीलंका से भारतीय शांति सेना को वापस बुलाने के कड़वे अध्याय की यादें पीछे छूट गईं. मोदी ने कहा कि दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी हुई है और एक-दूसरे पर निर्भर है. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि नयी दिल्ली हमेशा श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ी रहेगी. दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका अपने क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत और क्षेत्र के सुरक्षा हितों के खिलाफ नहीं होने देगा.