
केदारनाथ धाम के खुले कपाट, हर-हर महादेव से गूंजा धाम. फूलों से सजा बाबा का दरबार.
आज शुभ मुहूर्त में केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे. और बाबा का दरबार हर-हर महादेव से गूंज उठा.
भोले बाबा के भक्तों को केदारनाथ के कपाट का खुलने का इंतजार रहता है. बाबा के भक्तों के लिए आज खुशी का दिन है. अब आज से 6 माह तक भक्त बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे. विशेष शुभ लग्न और शुभ मुहूर्त में आज 2 मई दिन शुक्रवार को प्रातः 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए. हजारों भक्तों की मौजूदगी में केदार बाबा के कपाट खोले गए.
कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अखंड ज्योति के दर्शन किए. इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों का जाप किया गया. मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर पहुंचे. इसके बाद बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया गया.
फूलों से सजा है बाबा का दरबार
मंदिर को 54 किस्म के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. इसमें नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे विभिन्न देशों से लाए गए गुलाब और गेंदा के फूल शामिल हैं.
भोले बाबा के भक्तों का सपना होता है केदारनाथ जाना और बाबा का दर्शन करना
भोले बाबा के भक्तों का सपना होता है कि, वो केदारनाथ जाकर बाबा का दर्शन करें. उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में केदारनाथ धाम तीसरा धाम है. केदारनाथ दर्शन के लिए प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं. केदारनाथ धाम महादेव की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग भी है. मान्यता है कि इस मंदिर में बाबा केदार के दर्शन करने से व्यक्ति पाप मुक्त होता है एवं उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. केदार बाबा के दर्शन से पहले वहां मौजूद भैरवनाथ के दर्शन करने चाहिए. उनके दर्शन के बिना केदारनाथ के दर्शन अधूरे होते हैं.
मान्यता है कि इस धाम में महादेव स्वयं लिंग स्वरूप में विराजमान हैं. यहां मौजूद शिवलिंग स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है. नवंबर से लगभग 6 माह के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं. पट बंद करते समय एक दीप प्रज्वलित किया जाता है. 6 माह बाद भी जब पट खोले जाते हैं तो यह दीप जलता हुआ मिलता है.
बता दें, 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं. बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे.