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एक राष्ट्र एक चुनाव से देश की समृद्धि बढ़ेगी, विकास कार्यों को मिलेगी गति : योगेश्वर राजू सिन्हा

महासमुंद। एक राष्ट्र एक चुनाव पर महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने इसे देश के लिए आवश्यक बताया है। उन्होंने कहा है कि एक राष्ट्र एक चुनाव से देश और समृद्धि होगा। साथ ही विकास कार्यों को गति मिलेगी।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने कहा है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव भारत सरकार द्वारा देश में सभी एक ही दिन या एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर विचाराधीन एक प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य चुनाव लागत में कटौती करना है। इसके सबसे उल्लेखनीय प्रस्तावों में से एक लोकसभा और सभी राज्यों में विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है। एक राष्ट्र, एक चुनाव से सार्वजनिक धन की बचत होगी। प्रशासनिक व्यवस्था और सुरक्षा बलों पर तनाव कम होगा। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रत्येक वर्ष कम-से-कम एक चुनाव होता है, इन चुनावों के चलते विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नुकसान होते हैं। चुनाव की आर्थिक लागत अधिक है, इसके अलावा अन्य वित्तीय लागतें भी हैं। देश की आजादी के बाद भी कुछ सालों तक एक साथ चुनाव हुए हैं।

एक राष्ट्र एक चुनाव से कई लाभ

एक राष्ट्र एक चुनाव होने से कई प्रकार के लाभ नजर आते हैं। आज की स्थिति में हर साल देश में कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं। इससे धन और समय बर्बाद होता है। एक साथ होने से समय और धन दोनों की बचत होगी। बार बार लगने वाले आचार संहिता से भी राहत मिलेगी। इससे विकास की गति भी बाधित नहीं होगी।

आजादी के बाद भी होते थे एक साथ चुनाव

26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के बाद लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए पहली बार आम चुनाव 1951-1952 में एक साथ आयोजित किए गए थे। यह तीन लोकसभा चुनावों में 1967 तक जारी रही, जिसके बाद इसे बाधित कर दिया गया। 1960 के बाद कई विधानसभाएं भंग हो गईं, जिसके कारण अंततः लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए अलग-अलग चुनाव हुए।

प्रतिवर्ष होते हैं कई चुनाव

देश में 1952 से 2023 तक सालाना औसतन 6 चुनाव हुए हैं। यह आंकड़ा सिर्फ लोकसभा और विधानसभा के लिए बार-बार होने वाले चुनावों का है। इसमें अगर स्थानीय चुनावों को शामिल कर लिया जाए तो प्रतिवर्ष चुनावों की संख्या कई गुणा बढ़ जाएगी। इसके धन और समय दोनों की क्षति बढ़ रही है।

मतदाताओं को एकजुट करना भी है उद्देश्य

एक राष्ट्र-एक चुनाव की अवधारणा का उद्देश्य मतदाताओं को एकजुट करने में क्षेत्रवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता के विभाजनकारी प्रभाव को कम करना है। ये मौजूदा समय की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके और एकीकृत चुनाव को बढ़ावा देकर, एक साथ चुनाव संकीर्ण हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

समिति ने एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए सौंप दी है रिपोर्ट

एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए बनाए गए उच्च स्तरीय समिति के उद्देश्य में साफ लिखा है कि अभी ये साफ नही है कि सभी स्थितियों का सामना सफलता पूर्वक किया जा सकेगा किन्तु अपवादों के अतिरिक्त एक नियम बने की राष्ट्र के सभी चुनाव एक तय समय सीमा के अंदर कर दिए जाए। इस उच्च स्तरीय समिति ने अपनी 18000 पन्नों की रिपोर्ट भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। इस समिति ने सर्वोच्च न्यायालय के 3 पूर्व मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के 4 मुख्य न्यायाधीश, एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के अतिरिक्त 21600 व्यक्तियों से साक्षात्कार किया। 81 प्रतिशत मत इस प्रणाली के समर्थन में थे।


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