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महासमुंद : नवीन आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है कानूनों का पालन करना - कलेक्टर लंगेह

ई-एफआईआर के लिए फोन, ई-मेल, व्हाट्सएप के माध्यम से

अपराध घटित होने की सूचना दिया जा सकता है

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की उपस्थिति में आज कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में तीन नवीन आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु प्रशिक्षण आयोजित की गई। प्रशिक्षण में कलेक्टर लंगेह ने कहा कि वर्ष 2024 से प्रभाव में आए ये नए कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान ले चुके हैं। उनके अनुसार, “इन कानूनों का सफल क्रियान्वयन जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। प्रारंभ में चुनौतियाँ आ सकती हैं, किंतु निरंतर अभ्यास और प्रशिक्षण के माध्यम से हम इनका सहज उपयोग सुनिश्चित करेंगे।” साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि अब आपराधिक मामलों में चालान 60 से 90 दिनों के भीतर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन कानूनों का समयबद्ध, पारदर्शिता के साथ पालन किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को नए कानून के संबंध में सतत अध्ययन के निर्देश दिए हैं।

प्रशिक्षण के दौरान जिला चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस विभाग को समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराई जाए, ताकि जांच प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न हो। बैठक में उप संचालक लोक अभियोजन आशीष कुमार सिन्हा एवं सहायक संचालक लोक अभियोजन घनश्याम पाण्डे ने पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से नए कानूनों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ई-एफआईआर के लिए फोन, ई-मेल, व्हाट्सएप के माध्यम से अपराध घटित होने की सूचना दे सकते हैं। अब इसके लिए जवाबदेही तय हो जाएगी। प्रार्थी को संबंधित थाने में जाकर हस्ताक्षर कर एफआईआर दर्ज करानी होगी। थाना प्रभारी या विवेचक को जांच की जरूरत लगने पर एसडीओपी या सीएसपी की लिखित अनुमति के बाद जांच होगी। झूठी शिकायत से बचने के लिए तीन दिवस में पुलिस अधिकारी जांच करेंगे तथा गंभीर मुद्दा होने पर एफआईआर दर्ज होगी तथा विधिवत प्रकरण की विवेचना की जाएगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नये कानून के अंतर्गत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए भी समय का निर्धारण किया गया है।

उन्होंने बताया कि अर्थदण्ड में परिवर्तन करते हुए वृद्धि की गई है, जो कि प्रासंगिक एवं सामयिक है। इसके साथ ही अपराधियों के लिए सामाजिक सेवा की बात की गई है। नए टेक्नोलाजी को अपनाने से कार्य सुगम होंगे तथा अपराधियों को समय पर दण्ड मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि फॉरेंसिंक टीम एवं साक्ष्य से संबंधित प्रावधान महत्वपूर्ण है। बच्चों एवं महिलाओं के खिलाफ आरोप होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, इसे गंभीरता से लिया गया है। बार-बार अपराध करने वालों पर अधिक दण्ड का प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर रवि साहू, एडीएम हरिशंकर पैकरा, रवि कुमार साहू, ओंकारेश्वर सिंह, मनोज खांडे, डिप्टी कलेक्टर आशीष कर्मा, मिषा कोसले, एसडीओपी सहित एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य नवीन विधिक परिवर्तनों के प्रति अधिकारियों को जागरूक करना तथा प्रशिक्षण की दिशा में ठोस पहल करना था।


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