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महासमुंद : राज्य प्रभारी एम. राजा मुरुगन ने ली आदि कर्मयोगी अभियान की समीक्षा बैठक

विलेज एक्शन प्लान सहभागी और व्यवहारिक बनाया जाए - मुरुगन

धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत संचालित आदि कर्मयोगी अभियान की वृहद समीक्षा बैठक आज आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता ट्राईफेड एम.डी. एवं राज्य प्रभारी एम. राजा मुरुगन ने की। इस अवसर पर जिला प्रभारी पी. खदाने, शांतनु सहारा, प्रज्ञान सेठ, कलेक्टर विनय लंगेह, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार, सहायक आयुक्त, विभागीय अधिकारी एवं संबंधित विभागों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति (कमार) सहित जनजातीय बाहुल्य ग्रामों को विभिन्न विभागों की योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत महासमुंद विकासखण्ड के 25 ग्राम, बागबाहरा के 33, पिथौरा के 210, बसना के 24 एवं सरायपाली विकासखण्ड के 16 ग्राम, कुल 308 ग्रामों में संबंधित विभागों की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

मुरुगन ने बैठक में ग्राम विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान देशभर में जनजातीय समुदायों के समग्र उत्थान की दिशा में उत्तरदायी शासन की ऐतिहासिक पहल है। पहली बार ग्राम स्तर पर ग्रामीणों की सहभागिता से उनकी आवश्यकताओं और उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप विकास योजनाएँ तैयार की जा रही हैं। यह पहल वर्ष 2030 तक की दूरदर्शी सोच के साथ स्थायी विकास का आधार बनेगी। 

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम विकास योजनाएँ व्यवहारिक और सहभागी हों तथा अधोसंरचना विकास के साथ-साथ सामाजिक एवं मानव संसाधन विकास पर विशेष बल दिया जाए। सभी 308 ग्रामों में सहभागी नियोजन के माध्यम से विलेज एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए। राज्य प्रभारी मुरुगन ने जिले में अब तक की प्रगति को सराहते हुए सभी विभागों को बेहतर समन्वय और टीम भावना से कार्य करने कहा तथा अभियान को मूर्त रूप देने के लिए अधिकारियों और फील्ड स्तर पर कार्यरत कर्मयोगियों को बधाई दी।

बैठक में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, जिले की 308 ग्राम में से 197 ग्रामों के लिए विलेज एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है तथा शेष ग्रामों का प्लान शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। कलेक्टर विनय लंगेह ने जानकारी दी कि ग्राम एक्शन प्लान को 2 अक्टूबर से आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। जिले में जिला प्रोसेस लैब से लेकर जमीनी स्तर तक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जहाँ 7756 प्रशिक्षित ट्रेनर्स, आदि कर्मयोगी और सहयोगी इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। बैठक में आदिवासी विकास विभाग,शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, पंचायत, विद्युत, खाद्य, राजस्व, पशुपालन, फिशरी आदि विभागों के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।


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