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लोरमी के श्रीहरि शोभा वाटिका में श्रीमद्भागवत का शुभारंभ....

लोरमी: लोरमी के हरिशोभा वाटिका में बुधवार को श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया।भव्य कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा ठाकुर देव मंदिर से शुरू हुई। कलश यात्रा लोरमी की चतुर्दिक परिक्रमा करते हुए कथा स्थल पर समाप्त हुई। आर्यव्रत ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में दिव्य संगीत में भागवत कथा विश्वकल्याण अर्थ गौ रक्षा आयोजित किया गया है कथा वाचक गर्भाचार्य महाराज जी ने कलश जल से अभिसंचित कर कथा का शुभारंभ किया। श्रीमद्भागवत पुराण की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में भागवत कथा श्रवण से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। कलयुग के प्रवेश करते ही राजा परीक्षित की बुद्धि का हरण हुआ और उन्होंने अज्ञानता वश तपस्या में लीन ऋषि के गले में सर्प डाल दिया। इस पाप से मुक्ति पाने को राजा परीक्षित ने सात दिनों तक श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया।

कथा श्रवण से ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। बताया कि सनातन धर्म में मनुष्य को पाप कर्म और असामाजिक कृत्यों को करने से रोकने के लिए पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में अनेक प्रसंग दिए गए हैं। इन प्रसंगों के श्रवण से जीवन में सात्विकता आती है। सात्विक जीवन ही व्यक्ति को पुण्य की ओर ले जाता है और जो व्यक्ति पुण्य कर्म करता है। वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। कलयुग में केवल कथा ही मनुष्य की व्यथा दूर कर सकती है। वही संत श्री राम शिरोमणि दास जी महाराज ने बताया कि छत्तीसगढ़ की एक ऐसी सरकार है पूरे विश्व में जहां गोबर खरीदा जाता है साथ ही महाराज ने बिलासपुर लोखंडी में आकर चातुर्मास महोत्सव में शामिल होकर सनातन धर्म को आगे बढ़ाने और गौरक्षा करने के लिए आगे आने को कहा।कथा स्थल पर महेश केशरवानी, मुकेश केशरवानी, मनोज केशरवानी,मनीष त्रिपाठी,चंद्रकांत दुबे, धनंजय दुबे एवं श्रोता गण उपस्थित रहे।




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