सारंगढ़: सरपँच-सचिव की जुगलबंदी से भारी भ्रस्टाचार की आशंका..ग्रामीणों ने लगाया सरपँच-सचिव पर आरोप... भ्रस्टाचार का गढ़ बनता जा रहा सारंगढ़...
रायगढ़। सारंगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत उलखर में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। यहां के सरपंच और सचिव की मिलीभगत से 14 वें 15 वें वित्त में 2020-21 में 21 लाख से भी ज्यादा की राशि का भुगतान किया गया है वहीं जमीनी हकीकत की बात करें तो बहुत से कार्य ऐसे है जिन कार्यों के लिए राशि 6-7 माह पूर्व ही भुगतान तो की जा चुकी है परंतु कार्य आज पर्यंत तक नही हुआ है दरअसल यह बात हम नही कह रहे यह वहां की जनता और उन कार्यों के लिए सचिव सरपंच द्वारा राशि लेनदेन के सारे रिकार्ड बयां करतें है। विकास कार्यों के लिए राशि भुगतान होने के बाद भी गांव में काम नही होने फर्जी बिल वाऊचर से राशि का बंदबांट को लेकर ग्रा़मीणों में भारी आक्रोश है जिसकी शिकायत उन्होने जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत अधिकारी से की है और जल्द जांच कर उचित कार्यवाही की मांग उनके द्वारा की गयी है।
वहीं बात करें तो अभी वर्तमान में 15 वें वित्त योजना के तहत उलखर में इस वर्ष 11फरवरी को पंचायत भवन मरम्मत सामग्री भुगतान 39880 रूपये, सामुदायिक भवन मरम्मत के लिए सामग्री भुगतान 39880 रूपये,दो आंगनबाडी़ भवन मरम्मत एवं पोताई कार्य के लिए प्रत्येक आंगनबाडी़ के लिए सामग्री भुगतान 39880 रूपये वेंडर को किया गया है और इसी दिनांक पर मरम्मत व पोताई कार्य का मजदूरी भुगतान इन प्रत्येक भवनों के हिसाब से क्रमशः 9120 रूपये किया जा चुका है। अब सोंचने वाली बात यह है कि उन भवनों की सामग्री व पोताई का भुगतान 7 माह पहले ही कर दिया गया है तो काम अब तक क्यों नही हुआ था ? और जैसे ही जिला पंचायत में 27 अगस्त को ग्रामीणों ने सरपंच सचिव का काला चिट्ठा जिला सीईओ के पास रखा उसके 2 दिन बाद ही सरपंच सचिव एक्शन में आकर इन भवनों को आनन-फानन में पोताई कर लीपापोती में अब जुट गयें है। और तो और पंचायत भवन व सामुदायिक भवन में 2 फरवरी को ही 15 वें वित्त की राशि से टेबल कुर्सी खरीदा का 39880 रूपये भुगतान किया गया है परंतु ग्रामीणों ने बताया कि इस सत्र पंचायत द्वारा नये कुर्सी, टेबल नही खरीदे गये है केवल फर्जी बिल वाऊचर शो कर राशि गबन किया गया है।
वहीं बात करें तो अभी वर्तमान में 15 वें वित्त योजना के तहत उलखर में इस वर्ष 11फरवरी को पंचायत भवन मरम्मत सामग्री भुगतान 39880 रूपये, सामुदायिक भवन मरम्मत के लिए सामग्री भुगतान 39880 रूपये,दो आंगनबाडी़ भवन मरम्मत एवं पोताई कार्य के लिए प्रत्येक आंगनबाडी़ के लिए सामग्री भुगतान 39880 रूपये वेंडर को किया गया है और इसी दिनांक पर मरम्मत व पोताई कार्य का मजदूरी भुगतान इन प्रत्येक भवनों के हिसाब से क्रमशः 9120 रूपये किया जा चुका है। अब सोंचने वाली बात यह है कि उन भवनों की सामग्री व पोताई का भुगतान 7 माह पहले ही कर दिया गया है तो काम अब तक क्यों नही हुआ था ? और जैसे ही जिला पंचायत में 27 अगस्त को ग्रामीणों ने सरपंच सचिव का काला चिट्ठा जिला सीईओ के पास रखा उसके 2 दिन बाद ही सरपंच सचिव एक्शन में आकर इन भवनों को आनन-फानन में पोताई कर लीपापोती में अब जुट गयें है। और तो और पंचायत भवन व सामुदायिक भवन में 2 फरवरी को ही 15 वें वित्त की राशि से टेबल कुर्सी खरीदा का 39880 रूपये भुगतान किया गया है परंतु ग्रामीणों ने बताया कि इस सत्र पंचायत द्वारा नये कुर्सी, टेबल नही खरीदे गये है केवल फर्जी बिल वाऊचर शो कर राशि गबन किया गया है।
बता दें पूर्व में 14 वें वित्त योजना के तहत 5 लाख 28 हजार रूपये सिंटेक्स एवं पाईप सामग्री हेतु वेंडर को कुल भुगतान किया गया है जबकि गांव के केवल 8-10 जगहों पर ही शेड व 500लीटर के सिंटेक्स तथा पाईप बिठाया गया है अर्थात हिसाब लगाया जाए तो एक सिंटेंक्स व पाईप के पीछे ग्राम पंचायत को 50 हजार से भी अधिक की लागत लगा है। और एक सिंटेक्स के पीछे इतनी लागत किसी को भी हजम नही होने वाली अर्थात इसमें पंचायत द्वारा भारी झोलझाल किया गया है जो जांच के बाद सामने आ जाएगा। और तो और 14 वें वित्त पिछले सत्र जुलाई माह के रिकार्ड के अनुसार तालाबों के पचरी मरम्मत के लिए सामग्री हेतु कुल मिलाकर 3 लाख रूपये का भुगतान किया गया है। जबकि गांवों की पचरियों की हालत देखकर आप दंग रह जाएंगे कि ऐसा क्या मरम्मत हुआ जिसमें 3 लाख खर्च किया गया है । इसके अलावा और भी बहुत से ऐसे कार्य हैं जैसे मुक्तिधाम मरम्मत कार्य में 49000 रूपये खर्च जबकि एक मुक्तिधाम का छत्ता ही गायब है। अब जब ग्रामीण इन सभी भ्रष्टाचार को लेकर सरपंच-सचिव के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं तो सरपंच के अधीनस्थ व्यक्तियों द्वारा उनके साथ धमकी व मारपीट भी किया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों एवं पंचों ने सरपंच सचिव के काले करतूतों को उजागर करने जिला पंचायत सीईओ से गुहार लगाई है और जल्द जांच टीम भेजकर उचित जांच कर कार्यवाही की मांग की है अब देखना यह है जनपद एवं जिला पंचायत अधिकारी इस मामले पर कितनी जल्दी और क्या एक्शन लेते है।
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