"शनिदेव का किरदार मुझे धैर्य रखने, न्याय करने और अपने रोजमर्रा के कार्यों में विनम्र रहने की हिम्मत देता है": विनीत कुमार चौधरी
पुराणों के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है, जो अच्छे कर्मों के महत्व पर जोर देते हैं और सही-गलत का इंसाफ करते हैं। शेमारू टीवी के धार्मिक शो 'कर्माधिकारी शनिदेव' में, शनिदेव का किरदार निभा रहे विनीत कुमार चौधरी ने बताया कि वे अपने किरदार से कैसे हर दिन कुछ नया सीखते हैं। इस शो के द्वारा मिली सीख को उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन में लागू किया है, बल्कि कर्म को लेकर अपनी समझ को भी समृद्ध और सचेत किया है। ऐसे में, एक अभिनेता के रूप में, विनीत ने अपने व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा दिया है।
अपने अनुभव के बारे में चर्चा करते हुए अभिनेता विनीत कुमार चौधरी कहते हैं, "शनिदेव का किरदार निभाना एक ज्ञानवर्धक यात्रा रही है। इसका हर एक सीन और कहानी लोगों को एक नई सीख देकर जाती है और मैं हर दिन कुछ नया सीखता हूँ। न्याय, धैर्य के सिद्धांत और शनिदेव द्वारा प्रतिपादित कर्म मेरे मन में गहराई से निहित हैं और मैं इन शिक्षाओं को अपने जीवन में एकीकृत करने का प्रयास करता हूँ।"
शनिदेव का किरदार विनीत को कई प्रथाओं और मान्यताओं की ओर प्रभावित करने के लिए आकर्षित करता है। उन्होंने बताया, "मैं इस शो से बहुत कुछ सीख रहा हूँ, इसलिए मैं जितना संभव हो सके, अपने जीवन में इसे लागू करने की कोशिश करता हूँ। मैं हर शनिवार शनि मंदिर जाकर उनकी मूर्ति पर तेल चढ़ाता हूँ। यह अनुष्ठान केवल भक्ति का कार्य नहीं है, बल्कि शनिदेव के गुणों से जुड़े रहने का एक तरीका भी है। यह मुझे धैर्य रखने, न्याय करने और अपने रोजमर्रा के कार्यों में विनम्र बने रहने की हिम्मत देता है।"
विनीत कुमार चौधरी ने अपने किरदार को बड़ी गंभीरता से निभाया है। ऐसे में, यह स्पष्ट है कि उनके व्यक्तित्व और किरदार के बीच एक मजबूत संबंध है। वे शनिदेव के सिद्धांतों को अपने जीवन में भी अपनाते हैं, जो कि उन्होंने ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन दोनों जीवन में साफ नज़र आता है। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता ने उनके प्रदर्शन को और भी बेहतर बना दिया है। वे दर्शकों को भी यह सिखाते हैं कि शाश्वत मूल्यों को कैसे अपनाया जाए।
'कर्माधिकारी शनिदेव' शो शनिदेव के बहुमुखी किरदार पर प्रकाश डालता है और हिंदू पुराणों में दर्शाई गई उनकी महानता को प्रस्तुत करता है। हाल ही के एपिसोड में, कहानी में एक बड़ा मोड़ आया जब हरिश्चंद्र के वंशज राजा दशरथ को पता चला कि उनके पूर्वजों को शनिदेव के प्रभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
इसका परिणाम यह हुआ कि उनके राज्य को सूखे और अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शनिदेव का सामना करने के लिए दृढ़ संकल्पित, दशरथ ने उनके खिलाफ युद्ध की घोषणा की। हालाँकि, जब शनिदेव विरोध नहीं करते और दशरथ के हथियार छीन लेते हैं, तब दशरथ को उनकी महानता का एहसास होता है। फिर वे शनिदेव के गुणों की प्रशंसा करते हुए शनि स्तुति की रचना करते हैं। दशरथ की विनम्रता और प्रशंसा से प्रभावित होकर, शनिदेव उन्हें वरदान देते हैं कि जो कोई भी दशरथ द्वारा निर्मित शनि स्तुति का पाठ करेगा, उसे शनि के प्रभाव की अवधि से लाभ मिलेगा, जिसे साढ़ेसाती भी कहा जाता है।
देखते रहिए 'कर्माधिकारी शनिदेव' हर सोमवार से शनिवार, रात 8:30 बजे, सिर्फ शेमारू टीवी पर।