सस्टेनेबिलिटी की कोशिशों को वेदांता एल्यूमिनियम ने किया और अधिक मजबूत, भारत में इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट की अपनी सबसे बड़ी फ्लीट में किया विस्तार
भारत में एल्यूमिनियम की सबसे बड़ी उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने इलेक्ट्रिक लिथियम-आयन फोर्कलिफ्ट के अपने बेड़े का विस्तार किया है। गौर तलब है भारत में इलेक्ट्रिक लिथियम-आयन फोर्कलिफ्ट की सबसे बड़ी फ्लीट वेदांता एल्यूमिनियम के पास है और अब इनकी तादाद 66 हो गई है। हाल ही में कंपनी ने अतिरिक्त 22 इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट झारसुगुडा, ओडिशा स्थित अपने स्मेल्टर प्रचालन में तैनात की हैं। यह विस्तार वेदांता एल्यूमिनियम के डिकार्बनाइज़ेशन प्रयासों को और भी प्रभावी बनाएगा।
इस विस्तार के बारे में वेदांता एल्यूमिनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा, ’’वेदांता एल्यूमिनियम के व्यवसाय का एक अनिवार्य हिस्सा है- सस्टेनेबिलिटी। अपनी प्रचालन उत्कृष्टता को बढ़ाने के लिए हम निरंतर अभिनव विधियां अपना रहे हैं। 66 इलेक्ट्रिक लिथियम-आयन फोर्कलिफ्ट की तैनाती नैट् ज़ीरो भविष्य तक पहुंचने में हम गति प्रदान करेगी।’’
ये फोर्कलिफ्ट ओडिशा के झारसुगुडा व लांजिगढ़ की इकाईयों तथा छत्तीसगढ़ के बाल्को स्मेल्टर में तैनात हैं, इनकी बैटरी तेजी से व सुरक्षित तरीके से चार्ज होती है। इस पहल से हमारी प्रचालन कुशलता में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है और साथ ही कार्बन उत्सर्जन घटाने में भी इसने योगदान दिया है। इलेक्ट्रिक लिथियम-आयन फोर्कलिफ्ट कंपनी के कार्बन फुटप्रिंट घटाने में निम्न तरीकों से मददगार साबित होती हैः
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी जो सालाना 2500 टन कार्बन डाइऑक्साइड के समकक्ष है।
डीजल की खपत में घटाव, जिससे अंदाजन 8.4 लाख लीटर से ज्यादा की प्रतिवर्ष बचत होती है।
कंपनी 2030 तक अपने हल्के वाहनों (एलएमवी) के बेड़े को 100 प्रतिशत कार्बन मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। वेदांता एल्यूमिनियम की ये निरंतर कोशिशें इस बात की परिचायक हैं कि वह अपने सभी प्रचालनों को डिकार्बनाइज़ करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों की समीक्षा व तैनाती के लिए प्रयासरत रहती है। वेदांता भारत की उन अग्रणी कंपनियों में शामिल है जो अपने प्रचालनों में सस्टेनेबल तरीकों को अपनाती हैं, खास कर मैटेरियल हैंडलिंग के मामले में।
वेदांता एल्यूमिनियम का ध्येय है 2050 तक नैट् ज़ीरो की स्थिति हासिल करना और इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट फ्लीट का विस्तार इसी दिशा में एक कदम है। अपनी इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए कंपनी कार्बन फुटप्रिंट घटाने की दो-तरफा रणनीति अपनाती है- एक, अपने ऐनर्जी मिक्स में नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों में वृद्धि एवं प्रचालन उत्कृष्टता को बढ़ाना; तथा दूसरी, व्यापक वनीकरण द्वारा कार्बन फुटप्रिंट के असर को दूर करना। अपने प्रचालनों के जरिए कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि दायित्वपूर्ण ढंग से उच्च-क्वालिटी का एल्यूमिनियम उत्पादित किया जाए व उसे दुनिया भर में उपलब्ध कराया जाए जिससे की हमारी पृथ्वी का भविष्य हराभरा हो।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स और एल्यूमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।
अन्य खबरें
अन्य सम्बंधित खबरें