
सरायपाली : वि.खं.स्तरीय प्रशिक्षण में शिक्षकों को डीएमसी रेखराज शर्मा ने किया संबोधित
स्कूलों में यूथ एवं इको क्लब के क्रियान्वयन हेतु शिक्षकों का क्षमता निर्माण प्रशिक्षण संपन्न
पर्यावरणीय गतिविधियों में स्कूली विद्यार्थियों की बेहतर भागीदारी हेतु प्रशिक्षित हुए टीचर्स
पर्यावरणीय चेतना विकास में यूथ एवं इको क्लब की भूमिका महत्वपूर्ण
सरायपाली विकासखंड के यूथ एवं ईको क्लब प्रभारी शिक्षकों की दो दिवसीय प्रशिक्षण हाई स्कूल झिलमिला में रखा गया जिसमें डीएमसी (समग्र शिक्षा) रेखराज शर्मा एवं एपीसी (प्रशिक्षण) संपा बोस द्वारा औचक निरीक्षण किया गया।
इस दौरान डीएमसी रेखराज शर्मा ने कहा कि स्कूलों में यूथ एवं ईको क्लब का गठन लोकतांत्रिक तरीके से बच्चों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से हो जिससे उनकी क्षमता,रुचि अनुरूप स्कूल में टीम भावना से समूह आधारित क्रियाकलापों को बढ़ावा मिल सके और लर्निंग आउटकम्स प्रदर्शित हो सके। उन्होंने शिक्षकों से संवाद किया और विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से शिक्षकों को नवाचार करने हेतु प्रेरित किया साथ ही इस विशेष प्रशिक्षण के उद्देश्य,महत्व पर सारगर्भित ढंग से प्रकाश डाला।
द्वितीय दिवस प्रथम सत्र में बीईओ सरायपाली प्रकाशचंद्र मांझी ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें प्रशिक्षण में जो सीखने को मिलता है उसे अपने विद्यालय में इंप्लीमेंट करते हुए आत्मसात किया जाना चाहिए,हमारे कार्य व्यवहार से हमारी सीख की झलक हमारे कर्तव्य स्थल पर मिलनी चाहिए। हमें बच्चों को सतत रूप से कार्य अनुभव से सीखने हेतु प्रेरित करते रहना चाहिए जिससे उनकी उपलब्धियों में इजाफा हो सके।
बीईओ ने प्रतिवर्ष दस स्कूलों को यूथ एवं इको क्लब क्रियाकलापों में उत्कृष्ठता के आधार पर प्रशस्ति पत्र प्रदान करने की मंशा को स्पष्ट किया।
द्वितीय सत्र में बीआरसीसी सरायपाली सतीश स्वरुप पटेल ने पोषण वाटिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण संवर्धन में विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं समुदाय की भूमिकाओं को रेखांकित किया।
प्रशिक्षित कुशल प्रशिक्षक (बीआरजी) के रूप में यशवन्त कुमार चौधरी,चंद्रभानु पटेल,गिरधारी पटेल,कनकलता राजहंस, संगीता पंडा आदि ने प्रशिक्षणार्थियों को यूथ एवं ईको क्लब के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी और विविध गतिविधियों के माध्यम से इसकी आवश्यकता का एहसास कराया।
जैव विविधता,ऊर्जा-जल संरक्षण, वृक्षारोपण,जलवायु परिवर्तन,अपशिष्ट प्रबंधन,प्लास्टिक एवं प्रदूषकों की रोकथाम,प्लास्टिक के विकल्पों के उपयोग को प्रोत्साहन जैसे विषयों पर जागरूकता के साथ - साथ बच्चों में नवोन्मेषी प्रवृत्ति,नवीन कौशल व क्षमता बढ़ाने यह क्लब काफ़ी मददगार साबित होता है। पर्यावरणीय चेतना विकास में भी इस क्लब का अहम योगदान होता है।