
पिथौरा : रिटायरमेंट को 02 दिन शेष, लेकिन उससे पहले बीईओ निलंबित।
संभागीय संयुक्त संचालक ने जांच करके कार्यवाही हेतु शासन को भेजा था प्रतिवेदन।
के. के. ठाकुर बीईओ पिथौरा इस 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे थे। लेकिन उससे 02 दिन पूर्व ही इनके उपर में शासन स्तर से बडी कार्यवाही की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इन्हे निलंबित कर दिया है। शासकीय मिडिल भगतदेवरी को 16,61,163/- रूपये मुआवजा राशि फोरलेन सडक में मकान व अहाता क्षतिग्रस्त होने के कारण मिला था। जिस राशि को बीईओ ने दो वर्ष अपने पास रखा। इसके बाद इन्होने राशि को नियम विपरीत तरीके से सरपंच ग्राम पंचायत भगतदेवरी को दे दिया था। बीईओ श्री ठाकुर को निलंबित करके जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द में अटैच कर दिया गया है।
मालूम हो कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने अमिताभ जैन आइएएस मुख्य सचिव, सिद्वार्थ कोमल परदेशी आइएएस सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, राकेश पांडेय संभागीय संयुक्त संचालक को लिखित शिकायत 27 अगस्त 2024 को साक्ष्य सहित किया था। जिसमें जांच किया गया। जांच में शिकायत सही पाया गया है।
बता दे कि बीईओ पिथौरा ने अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) पिथौरा को 06 अगस्त 2018 को बीईओ पिथौरा ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। जिसमें बीईओ ने उक्त राशि को अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाते में देने की मांग किया। जिस कारण से मुआवजा राशि बीईओ पिथौरा को 07 अगस्त 2018 को मिला। बीईओ कमलेश ठाकुर ने बकायदा इकरारनामा किया है कि मुआवजा राशि का बजट एवं खर्च की जानकारी न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी(रा) पिथौरा एवं जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द को दूंगा। बीईओ ने सरपंच भगतदेवरी को 16,61,163/- रूपये 01 जुलाई 2020 को प्रदाय कर दिया। इसकी जानकारी बीईओ ने उच्च कार्यालय में नही दिया।
संभागीय संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने जांच करके जांच रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग को भेज दिया था। जिसमें बीईओ के.के.ठाकुर को वित्तीय अनियमितता में दोषी पाया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग से अवर सचिव तरूणा साहू ने 28 अप्रैल को कमलेश कुमार ठाकुर बीईओ पिथौरा को उक्त कृत्य हेतु छत्तीसगढ़ सिविल सेवा(वर्गीकरण, नियत्रंण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलबंन अवधि में के.के.ठाकुर को जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा।