ओडिशा मेडिकल ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाकर अन्य राज्यों की करेगा मदद, ओडिशा के मुख्यमंत्री ने की प्रधानमंत्री से बात.
कोरोना महामारी की वजह से देश के कई राज्य मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. इस संबंध में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत की है. उन्होंने पीएम से कहा-ये युद्ध जैसे हालात हैं. ऐसी स्थिति में ओडिशा मेडिकल ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाकर अन्य राज्यों की मदद की कोशिश करेगा.
कोरोना की दूसरी लहर ओडिशा में भी अपना असर दिखा रही
है. गुरुवार को राज्य में कोरोना के 6 हजार से ज्यादा नए मामले सामने
आए हैं. वहीं 24
घंटे के भीतर 2009 लोग रिकवर हुए हैं. एक दिन में कुल सात मौतें दर्ज की गई हैं.
औद्योगिक ऑक्सीजन की सप्लाई बंद
करने के आदेश
वहीं आज ही गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगले आदेश तक औद्योगिक ऑक्सीजन की सप्लाई बंद रहेगी. हालांकि कुछ विशेष श्रेणियों को छूट दी गई है. इसके अलावा कहा गया है कि मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि मेडिकल ऑक्सीजन की अंतरराज्यीय आवाजाही में किसी भी तरह की रुकावट नहीं पैदा होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
बता दें कि देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वत:-संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए उनके पास कौन सा नेशनल प्लान है. कोर्ट ने हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है.
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना ग्राफ को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चार अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार से नेशनल प्लान मांगा है. इसमें पहला ऑक्सीजन की सप्लाई, दूसरा दवाओं की सप्लाई, तीसरा वैक्सीन देने का तरीका और प्रक्रिया जबकि चौथा लॉकडाउन करने का अधिकार सिर्फ राज्य को हो और कोर्ट नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी मुद्दों को गंभीरता से लिया है. अब मामले की अगली सुनवाई कल होगी.