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उत्कर्ष ओडिशा- मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 में आकर्षण का केंद्र बना वेदांता एल्युमीनियम का स्टॉल

लगभग 2 लाख लोग इस कॉन्क्लेव में शामिल हुए, जिनमें से ज्यादातर ओडिशा के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के लिए वेदांता एल्युमीनियम के प्रयासों को देखने आए थे

 भारत में एल्युमीनियम के सबसे बड़े उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम ने ‘उत्कर्ष ओडिशा- मेक इन ओडिशा 2025’ सम्मेलन में अपने प्रचालन का व्यापक प्रदर्शन किया, जिसमें इसके ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिकता, गवर्नेंस) प्रैक्टिस, अत्याधुनिक तकनीक और सामाजिक प्रभाव पहलों को दिखाने वाली विविध प्रदर्शनियाँ शामिल थीं। सम्मेलन के पहले दिन, वेदांता ने ओडिशा में 1 लाख करोड़ रुपए के नए निवेश की घोषणा की, जो राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। निवेश सम्मेलन में कंपनी की उपस्थिति का नेतृत्व वेदांता समूह के संस्थापक और अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल ने किया, जिनके नेतृत्व में कंपनी ओडिशा की समृद्धि के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत है।

इस कार्यक्रम में, वेदांता एल्युमीनियम ने रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे के लिए अपनी कोशिशों को दर्शाया, जिनके बल पर ओडिशा राज्य आज एक औद्योगिक शक्ति बन गया है। स्टॉल पर आए आगंतुक कंपनी के विश्व स्तरीय उत्पादों से परिचित हुए और उन्हें राज्य की प्रगति में कंपनी के व्यापक योगदान के बारे में जानकारी मिली। वेदांता एल्युमीनियम ने आगंतुकों को अपने आगामी एल्युमीनियम पार्क से भी परिचित कराया, जो भारत का सबसे बड़ा मैटल्स पार्क बनने वाला है। 253 एकड़ में फैले इस पार्क को डाउनस्ट्रीम उद्योगों के लिए वन-स्टॉप हब के रूप में देखा जाता है, जहाँ वे ओडिशा के झारसुगुडा में कंपनी के मेगा एल्युमीनियम प्लांट से उच्च गुणवत्ता वाले हॉट मैटल का उपयोग कर सकते हैं।

नंद घर ज़ोन ने कंपनी की प्रमुख सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व) पहल से परिचित कराया, इस पहल के तहत पूरे ओडिशा में 531 नंद घर यानी आधुनिक आँगनवाड़ी केन्द्र स्थापित किए गए हैं। स्टॉल पर स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए, जिनमें ढोकरा कला, वेदामृत शहद और मसाले शामिल थे, साथ ही कालाहांडी के सौरा कारीगरों द्वारा लाइव टैटू कला भी प्रदर्शित की गई। गौर तलब है कि इन सभी को कंपनी का सहयोग प्राप्त है।

इस आयोजन में कंपनी की उपस्थिति पर वेदांता एल्युमीनियम के सीओओ, श्री सुनील गुप्ता ने कहा, ’’ओडिशा के साथ हमारी साझेदारी को प्रदर्शित करने के लिए मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव एक बेहतरीन मंच रहा है, जिसमें दुनिया भर के प्रमुख स्टकेहोल्डर्स को एकजुट कर के ओडिशा प्रदेश के अत्यंत महत्व और क्षमता को प्रदर्शित किया गया। 2047 तक ओडिशा को विकसित भारत के लिए विकास इंजन में बदलने का प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण एवं उनका विश्वास हमारी प्रतिबद्धता के साथ गहराई से जुड़ा है, जिसका ताल्लुक सिर्फ आर्थिक प्रगति से नहीं बल्कि जन कल्याण से भी है। दीर्घकालिक प्रभाव पैदा करने, समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने, अवसर प्रदान करने और सभी के लिए एक उज्जवल व ज्यादा समृद्ध भविष्य का निर्माण करने हेतु और अधिक रास्ते तलाशने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।’’

वेदांता एल्युमीनियम का प्रभाव औद्योगिक विकास से कहीं आगे तक फैला हुआ है, जिसमें व्यापक सामाजिक विकास हेतु उठाए गए कदम शामिल हैं, जिसने ओडिशा में लोगों के जीवन को बदल दिया है। कंपनी ने कौशल प्रशिक्षण और माइक्रोफाइनेंस की सुविधा देकर 20,000 से अधिक महिलाओं को सशक्त किया है। शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए कंपनी ने राज्य के दूरदराज के इलाकों में साक्षरता के स्तर को बढ़ाया है। सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वेदांता एल्युमीनियम मोबाइल हैल्थ यूनिट्स और आधुनिक सुविधाओं के माध्यम से उत्तम चिकित्सीय देखभाल मुहैया कराती है, जो दूरदराज के उपेक्षित क्षेत्रों में हजारों लोगों तक पहुँचती है। वर्ष 2050 तक सस्टेनेबल ऑपरेशंस और नैट् ज़ीरो कार्बन के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, वेदांता दायित्वपूर्ण विकास और ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस में अग्रणी है, जिनकी वजह से ओडिशा वैश्विक बेंचमार्क के रूप में स्थापित हुआ है।

वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता लिमिटेड का एक व्यवसाय है, जो भारत का सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 में भारत के आधे से अधिक एल्युमीनियम यानी 23.7 लाख टन का उत्पादन किया है। यह वैल्यू-ऐडेड एल्युमीनियम उत्पादों में अग्रणी है, जिनका कोर इंडस्ट्रीज़ में बेहद महत्वपूर्ण इस्तेमाल होता है। वैश्विक एल्युमीनियम उद्योग में एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 विश्व रैंकिंग में वेदांता एल्युमीनियम दूसरे स्थान पर है, यह उपलब्धि सतत विकास अभ्यास हेतु कंपनी की प्रतिबद्धता की परिचायक है। भारत में अपने विश्व स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर, एल्युमिना रिफाइनरी और बिजली संयंत्रों के साथ कंपनी धरती के हरेभरे कल के लिए ’भविष्य की धातु’ के रूप में एल्युमीनियम की उभरती ऐप्लीकेशंस को बढ़ावा देने के अपने मिशन पर निरंतर आगे बढ़ रही है।




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