
महासमुंद : माता-पिता को मिल सकता है 10 हजार रूपए प्रतिमाह का भरण-पोषण खर्च, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की दी गई जानकारी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के तत्वधान में सरल कानूनी शिक्षा के माध्यम से तथा अधिक से अधिक जन-जागरूकता लाने के उद्देश्य से शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। प्रबंध कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अधिकार मित्र हरिचंद साहू द्वारा जानकारी दी गई कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद के सचिव कु आफरीन बानो के मार्गदर्शन पर मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट गीताजंली कश्यप द्वारा महासमुंद नयापारा दलदली रोड स्थित आशियाना वृद्धाश्रम में विधिक जागरूकता थीम पर आधारित शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठजनों के लिए उनके अधिकारों तथा माता पिता भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
न्यायिक मजिस्ट्रेट गीताजंली कश्यप द्वारा उपस्थित वरिष्ठजनों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले सुविधाओं एवं उनके अधिकारों पर चर्चा करते हुए बताया कि जिनकी आयु 60 वर्ष अथवा उससे ज्यादा है, जो स्वयं आय अर्जित करने में असमर्थ है अथवा स्वामित्वाधीन संपत्ति में से स्वयं का भरण-पोषण करने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति उक्त अधिनियम अंतर्गत भरण पोषण करने हेतु आवेदन करने हेतु हकदार है। वे भरण पोषण का आवेदन वरिष्ठ नागरिक, माता पिता अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष भी पेश कर सकते है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय द्वारा अधिकतम 10,000 (दस हजार रूपए) तक प्रतिमाह का भरण-पोषण खर्च वरिष्ठ नागरिक, माता-पिता को दिलाया जा सकता है, जिसका संबंधित न्यायालय द्वारा आदेश की एक प्रति निःशुल्क आवेदनकर्ता को प्रदान किए जाने का भी प्रावधान है। वरिष्ठ नागरिक या माता पिता उक्त अधिनियम के अंतर्गत भरण-पोषण का आवेदन पेश कर सकते है अथवा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के प्रावधान के अंतर्गत न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय में भी आवेदन पेश करने हेतु सक्षम है।
अधिनियम में इस बात का भी प्रावधान है कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा सहायता हेतु यथा संभव प्रयास करेगी और उन्हें निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा प्रदत्त करायी जाएगी। इसके अलावा न्यायिक मजिस्ट्रेट गीताजंली कश्यप वरिष्ठजनों द्वारा का हालचाल व शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में अवगत हुए। आश्रम में दी जा रही सुविधा जैसे भोजन, पानी, बिजली, स्वच्छता अथवा मनोरंजन के साधन, स्वास्थय सुविधा पर भी चर्चा की गई। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा चलाए जा रहे अभियान करूणा के बारे में बताया गया।