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सरायपाली: 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वेच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर रक्तदान सेवा समिति छत्तीसगढ़ के युवाओं ने किया रक्तदान

रक्तदान सेवा समिति छत्तीसगढ़ जीवन में एक बार किसी अपने को रक्त की कमी से जूझते देखा और बस तभी से तय कर लिया कि अब किसी बीमार, दुर्घटनाग्रस्त को खून की कमी के कारण परेशान नहीं होना पड़ेगा अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी। ऐसा ही सोचना है शहर के इन युवाओं का। जो खुद तो रेगुलर ब्लड डोनर हैं ही साथ ही अन्य युवाओं को भी ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वेच्छिक रक्तदान दिवस है। ऐसे दिवस पर ये युवा जो हर पीडि़त की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। कहते हैं- 'रक्तदान जीवनदान है'। अपना खून देकर किसी की जिंदगी बचाने से बड़ा पुण्य का काम कोई दूसरा नहीं। इंसान ने कई तरह के कृत्रिम अंग तो बना लिए, लेकिन खून को लैब में आज तक नहीं बनाया जा सका। इसकी जरूरत के लिए इंसान आज भी स्वैच्छिक डोनर पर ही निर्भर है। ब्लड डोनेशन के इसी महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए हर साल 1 अक्टूबर को स्चैच्छिक ब्लड डोनर डे' मनाया जाता है। इस मौके पर आइए आपको बताते हैं कटनी शहर के कुछ 'रियल लाइफ हीरो' हैं, जिन्होंने रक्तदान कर अनजान लोगों की जान बचाने को ही अपने जीने मकसद बना लिया।

ये है रियल लाइफ हीरो......

भोजराज बारीक रक्तदान सेवा समिति छत्तीसगढ़ संचालक 26 साल की उम्र में 16 बार रक्तदान छात्र से लेकर राजनीति और स्वरोजगार में सक्रियता के साथ पीडि़त मानवता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। आज ही 10 लोगों के लिए रक्तदान कर उनकी जान बचाया गया । खास बात यह है कि अपनो दोस्तों को भी रक्तदान कर 10 रक्तदाताओं को रक्तदान कराया! एक खास दिन है, जहाँ 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और देश के द्वितीय प्रधानमंत्री और सादगी के प्रतिमूर्ति श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती है, वहीं आज 1 अक्टूबर हमारे देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी का जन्मदिन है, और 1 अक्टूबर को ही "स्वैच्छिक रक्तदान दिवस" के रूप में भी मनाया जाता है, जिसका प्रमुख उद्देश्य देश व समाजहित के लिए लोगों के हृदय में रक्तदान के प्रति जागरूकता लाना है, ताकि लोग रक्तदान के महत्व को समझें और स्वप्रेरणा से स्वैच्छिक रक्तदान करने हेतु आगे आएं और अपने परिजनों को भी रक्तदान हेतु जागृत करें,

इस परिपेक्ष में हमारी "रक्तदान सेवा समिति, छत्तीसगढ़" पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ समाज सेवा के प्रति समर्पित संस्थापक द्वय पुरूषोत्तम प्रधान एवं मूस्तफीज आलम संहित समिति के लगभग 75 संचालक सदस्यों जिनमें पुरुषों के साथ साथ महिलाएँ भी पूरे प्राणपण से जरूरतमंद मरीजों को जिन्हें रक्त की आवश्यकता होती है उन्हें निःशुल्क रक्त आपूर्ति करवाने में जुटी हुई है, जिसके लिए समिति के हम सभी संचालक लोगों को रक्तदान हेतु प्रेरित करते हैं, मरीज के परिजनों को भी रक्तदान हेतु प्रेरित करते हैं, इस तरह आज से 8 वर्ष पूर्व सराईपाली के दो जागरुक युवा पुरूषोत्तम प्रधान एवं मूस्तफीज आलम द्वारा स्थापित एवं 75 जागरूक संचालकों द्वारा अब तक 82 हजार से भी अधिक लोगों को रक्त की आपूर्ति करवा चुके हैं, समिति में महिला संचालिकाएं जैसे महाश्वेता दास, आरती साहू, ममता साहू, सृष्टि चौहान, मनीषा मांझी आमिनी भास्कर, नेहा नेताम, गौरी साहू भोजराज बारीक अनीस सुरजाल रितेश साहू नवीन साहू किशोर साहू पवन सिदार गोवर्धन भोई जी सुरेश साव आदि बढ़चढ़ कर भूमिका निभा रही हैं।




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