
महासमुंद : कलेक्टर ने ली समय-सीमा की बैठक, शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण पूरी पारदर्शिता और नियमानुसार करने के निर्देश
सुशासन तिहार में सभी आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए
पीएम रिपोर्ट एक सप्ताह में और दस्तावेज 15 दिन के भीतर प्रस्तुत किया जाए
कलेक्टर विनय लंगेह ने कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में समय-सीमा बैठक लेकर जिले में संचालित प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में सुशासन तिहार,“मोर दुआर साय सरकार“, “आवास प्लस 2.0“, “पीएम जनमन योजना“, युक्तियुक्तकरण सहित योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू, एसडीएम सरायपाली नम्रता चौबे, महासमुंद हरिशंकर पैकरा, डिप्टी कलेक्टर सृष्टि चंद्राकर, आशीष कर्मा सहित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल रहे।
बैठक में कलेक्टर लंगेह ने “मोर दुआर-साय सरकार“ विशेष सर्वेक्षण पखवाड़े के सफल संचालन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य आवास योजना से वंचित पात्र ग्रामीणों की पहचान कर उन्हें लाभान्वित सुनिश्चित करना है। अभी तक जिले में 1लाख 28 हजार परिवारों का सर्वेक्षण किया जा चुका है।इसकी आखिरी तिथि 30 अप्रैल है। लंगेह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि “सुशासन तिहार“ के तहत प्राप्त आवेदनों का निराकरण करने के पश्चात संबंधित आवेदकों को भी सूचना दें। साथ ही संबंधित पोर्टल पर प्रविष्टि कर 30 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से एंट्री सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिले में प्राप्त 1 लाख 82 हजार आवेदनों मे से 1 लाख 50 हजार आवेदनों का निराकरण किया गया है शेष 30 हजार आवेदनों का गुणवत्ता पूर्ण निराकरण करें।प्रत्येक विभाग टीम बनाकर आवेदनों का गुणवत्ता पूर्ण और त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा इसका उद्देश्य जन शिकायतों का त्वरित समाधान और योजनाओं की अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। इसके पश्चात 5 मई से समाधान शिविर आयोजित किया जाएगा। साथ ही कलेक्टर लंगेह ने सभी किया जाएगा।
कलेक्टर लंगेह ने भूमि जल संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए कि वे अपने अधीनस्थ क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना सुनिश्चित करें और जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करें।
कलेक्टर लंगेह ने जिले में शालाओं और शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण पूरी पारदर्शिता और शासन के नियमानुसार करने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को समय सीमा में पारदर्शिता के साथ पूर्ण कर लें। शासन के निर्देशानुसार
10 जून तक शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। वही स्कूलों का युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया 25 मई तक पूरी होगी, जबकि शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया 10 जून तक पूरी होगी। उन्होंने युक्तियुक्तकरण कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। स्कूली शिक्षा में संतुलन और गुणवत्ता सुधार के लिए इस कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए।
बैठक में उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि लोकसेवा गारंटी के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों का समय सीमा में निराकरण करे। साथ ही अवैध रेत उत्खनन को लेकर जिन ग्राम पंचायतों से शिकायत प्राप्त हो रही है उन पर कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज करें। जिले में अवैध शराब विक्रय पर कड़ी निगरानी रखते हुए जिले के सभी मदिरा दुकानों में अनुविभागीय अधिकारी, थाना प्रभारी और आबकारी उप निरीक्षक मिलकर सतत निरीक्षण करें। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस योजना के लक्ष्यों को शीघ्रता से पूरा करें। विशेषकर जाति, आधार, आयुष्मान कार्ड आदि को शत प्रतिशत बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा नशा मुक्ति अभियान की भी समीक्षा की गई।कलेक्टर ने विद्युत विभाग को गर्मी की हालात को देखते हुए बिना वजह विद्युत अवरोध को रोकने के निर्देश दिए है ।साथ ही अपने अधीनस्थों को नागरिकों की समस्या को सुनने फोन रिसीव करने के निर्देश दिए।बैठक में ई ऑफिस क्रियान्वयन के संबंध में भी निर्देश दिए गए ।साथ ही पीएम पोर्टल, मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जन चौपाल, समय सीमा पत्रकों की विस्तार से समीक्षा की तथा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त मांग एवं शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण करें।
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने ली बैठक
कलेक्टर ने बैठक में नवीन आपराधिक कानून के संबंध में जानकारी दी ।उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल , अनुभागीय कार्यालय एवं बैंकों में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम स्थापित किया जाए ताकि पेशी में सुविधा हो और समय की बचत हो।पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष सिंह ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामान्यत विलंब से प्रस्तुत किया जाता है,ऐसे में कारवाई में विलंब होता है, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। इसी तरह किसी भी प्रकरण में संबंधित डॉक्यूमेंट 15 दिन के भीतर प्रस्तुत करें ताकि समय पर कार्रवाई किया जा सके।