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महेंद्र पसायत की 20वीं पुस्तक- राष्ट्रधर्म सर्वोपरि का विमोचन

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा अर्चना व माँ भारती के तैलचित्र पर पुष्पांजलि प्रदान कर किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सी एम प्रधान ने 26 जनवरी की महत्ता का वर्णन करते हुए 1950 की घटना जो जीवन की सार्थकता लिए हुए है, उसे रोचक कहानी के रूप में बताया।कार्यक्रम में प्रेमानंद भोई ने कहानी के रूप में देशभक्ति का बखान किया,कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ.अनिल कुमार प्रधान ने गणतंत्र पर्व का महत्व बताते हुए महेंद्र पसायत जी के प्रकाशित पुस्तक राष्ट्रधर्म सर्वोपरि के बारे में विस्तार से वर्णन किया।सुन्दर लाल डडसेना"मधुर"ने विमोचित पुस्तक - राष्ट्रधर्म सर्वोपरि की समीक्षा की व स्वरचित देशभक्ति रचना से सबको मंत्रमुग्ध किया।का

र्यक्रम में जन्मजय नायक,मानकदास मानिकपुरी व धनीराम नंद मस्ताना अध्यक्ष संस्कार साहित्य मंच भुकेल ने सभा को संबोधित किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ.अनिल कुमार प्रधान, प्रेमानंद भोई, राकेश साहू, प्रधान प्रबंधक एम डी पब्लिकेशन,सुन्दर लाल डडसेना मधुर,विनोद कुमार जोगी, मानक दास मानिकपुरी,धनीराम नंद मस्ताना, गौरीशंकर साहू, आलोक प्रधान सहित अंचल के साहित्यकार उपस्थित रहे।कार्यक्रम का सफल संचालन शुभ्रा डडसेना ने व आभार प्रदर्शन महेंद्र पसायत ने किया।





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