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वेदांता झारसुगुड़ा ने सिम्युलेटर-आधारित ड्राइवर प्रशिक्षण में बड़ी उपलब्धि हासिल की

उन्नत एचएमवी और एलएमवी सिम्युलेटर पहल सुरक्षित (डिफेंसिव) ड्राइविंग संस्कृति और ज़ीरो-हार्म परिवहन अनुशासन को मजबूत करती है।

रायपुर, दिसंबर 2025 : वेदांता एल्युमीनियम, जो भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी है, ने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने हेवी मोटर व्हीकल (एचएमवी) और लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) चालकों के लिए 5,000 से अधिक सिम्युलेटर-आधारित प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। यह पहल कंपनी की दुर्घटना-मुक्त परिवहन और पूरे संचालन तंत्र में ज़ीरो-हार्म (शून्य हानि) संस्कृति को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

एचएमवी और एलएमवी सिम्युलेटर ट्रेनिंग सेंटर, चालकों के लिए असली सड़क जैसी परिस्थितियों में सही निर्णय लेने और सुरक्षित (डिफेंसिव) ड्राइविंग की क्षमता विकसित करता है, ताकि वे प्लांट के अंदर या आसपास वाहन चलाने से पहले पूरी तरह तैयार हों। वर्चुअल रियलिटी (वीआर) और ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) के माध्यम से यह कार्यक्रम एक व्यवस्थित और तकनीक आधारित प्रशिक्षण देता है, जिसमें प्रतिभागियों का मूल्यांकन रिएक्शन टाइम, अनुमान लगाने की क्षमता, साइड विज़न और निर्णय क्षमता जैसे महत्वपूर्ण कौशलों पर किया जाता है। 

चालक प्रशिक्षण के दौरान रिवर्स चलाने, फिगर-8 ट्रैक पर वाहन नियंत्रित करने, पैरेलल और रिवर्स पार्किंग करने, ट्रैफिक में सुरक्षित तरीके से शामिल होने जैसी उन्नत ड्राइविंग तकनीकों का अभ्यास करते हैं। वे अलग-अलग रास्तों और मौसम की परिस्थितियों में भी सुरक्षित ड्राइविंग का अभ्यास करते हैं। यह प्रशिक्षण व्यावहारिक सीख और सुरक्षित व्यवहार को प्राथमिकता देता है, जिससे चालक सिर्फ योग्यता प्राप्त नहीं करते, बल्कि सुरक्षित ड्राइविंग की आदतों को वास्तव में अपनाते हैं।

सितंबर 2025 में इस कार्यक्रम का विस्तार करके इसमें वाहन और ड्राइविंग (वीएंडडी) अनुपालन प्रशिक्षण भी शामिल किया गया, जिससे जिम्मेदारी और अधिक सशक्त हुई। मई 2025 में शुरू होने के बाद से प्रशिक्षित चालकों ने सुधारात्मक सिम्युलेटर प्रशिक्षण पूरा किया है, और उनके सड़क पर अनुशासन व सुरक्षित व्यवहार में स्पष्ट सुधार देखा गया है। जिन चालकों को अतिरिक्त मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, उन्हें दोबारा अनुमति देने से पहले रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे एक मजबूत अनुपालन प्रणाली विकसित हो रही है।

इस उपलब्धि की सराहना करते हुए वेदांता झारसुगुड़ा के सीईओ सी. चंद्रु ने कहा , “सड़क सुरक्षा सिर्फ एक संचालन संबंधी आवश्यकता नहीं है, बल्कि जिम्मेदारी की एक संस्कृति है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे परिसर में प्रवेश करने वाला हर चालक जागरूकता, सटीकता और अनुशासन से पूरी तरह तैयार हो। तकनीक आधारित प्रशिक्षण ऐसा परिवहन वातावरण बना रहा है, जहाँ सुरक्षित ड्राइविंग स्वाभाविक और दीर्घकालिक आदत बन जाए।”

सिम्युलेटर प्रशिक्षण हाल ही में पूरा करने वाले एक प्रतिभागी ने कहा , “सिमुलेशन का अनुभव बिल्कुल असली सड़क पर ड्राइविंग जैसा लगा, खासकर बारिश, कोहरे या ट्रैफिक में शामिल होने जैसी परिस्थितियों में। इसने हमें वे जोखिम समझने में मदद की, जिनका हम रोज़ सामना करते हैं, और उन्हें सुरक्षित तरीके से कैसे संभालें। आज मैं पहले से अधिक आत्मविश्वास, धैर्य और जिम्मेदारी के साथ ड्राइव करता हूँ।”
आगे की योजना के तहत, वेदांता एल्युमीनियम का लक्ष्य है कि जुलाई 2026 तक सभी पंजीकृत चालकों को प्रशिक्षण दिया जाए। एडमिन और बिजनेस पार्टनर चालकों के लिए अनिवार्य प्रमाणन किया जाएगा, अतिरिक्त मार्गदर्शन की आवश्यकता वाले चालकों को विशेष सुधारात्मक प्रशिक्षण दिया जाएगा, और निर्धारित रिफ्रेशर सत्रों के माध्यम से उनके कौशल को समय-समय पर मजबूत किया जाएगा। यह पहल संचालन क्षेत्रों में सुरक्षित, पूर्वानुमान योग्य और ज़ीरो-हार्म परिवहन वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता लिमिटेड का एक व्यवसाय है और भारत का सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 25 में 2.42 मिलियन टन एल्युमीनियम का उत्पादन किया, जो देश के कुल एल्युमीनियम उत्पादन का आधे से अधिक है। यह मूल्य-वर्धित एल्युमीनियम उत्पादों में अग्रणी है, जिनका उपयोग कई महत्वपूर्ण उद्योग क्षेत्रों में किया जाता है। वेदांता एल्युमीनियम एसएंडपी वैश्विक कॉर्पोरेट स्थिरता मूल्यांकन 2024 की वैश्विक रैंकिंग में एल्युमीनियम उद्योग में दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जो इसके उत्कृष्ट सतत विकास प्रयासों को दर्शाता है। भारत में स्थित अपने विश्व-स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ, कंपनी एल्युमीनियम को ‘भविष्य की धातु’ के रूप में उभरती जरूरतों के लिए बढ़ावा देने के अपने मिशन को पूरा कर रही है, ताकि आने वाला कल और अधिक पर्यावरण-अनुकूल बन सके।


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